scriptजिले का एकमात्र पॉलीटेक्निक कॉलेज अब तक नहीं बना पाया अपना भवन, 3 साल पहले ही मिल चुकी है स्वीकृति | Surajpur, Ambikapur Polytechnic College is not having own building | Patrika News

जिले का एकमात्र पॉलीटेक्निक कॉलेज अब तक नहीं बना पाया अपना भवन, 3 साल पहले ही मिल चुकी है स्वीकृति

locationसुरजपुरPublished: Jun 10, 2019 04:38:56 pm

Submitted by:

CG Desk

* सरकार का प्लान हुआ फेल, शासन से प्रशासन तक बैठा है खामोस और काबिल बच्चे घूम रहे बेरोजगार

building

जिले का एकमात्र पॉलीटेक्निक कॉलेज अब तक नहीं बना पाया अपना भवन, 3 साल पहले ही मिल चुकी है स्वीकृति

सूरजपुर। जहा नई सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य व्यस्था को लेकर तमाम दावे कर रही है वही उत्तर छत्तीसगढ़ के एक जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य का हाल बेहाल है। तीन वर्ष बाद भी जिले के एकमात्र पॉलिटेक्निक कॉलेज को अपना खुद का भवन नसीब नहीं हो सका है। उक्त कॉलेज का संचालन दूसरे जिले सेकिया जा रहा है। ज्ञात हो कि सूरजपुर जिले में वर्ष 2016 में पॉलीटेक्निक कॉलेज को स्वीकृति मिली चुकी है। लेकिन तब से अब तक यहां उक्त कॉलेज के लिए भवन उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण अम्बिकापुर के शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से ही सूरजपुर जिले का कॉलेज भी संचालित किया जा रहा है।
वर्तमान में इस पॉलिटेक्निक कॉलेज में करीब 500 विद्यार्थी अध्यनरत हैं। प्रशिक्षण के लिए कायदे से 20 शिक्षकों की आवश्यकता है, लेकिन मात्र 10 शिक्षकों की नियुक्ति है। हांलाकि 10 शिक्षकों को पार्ट टाइम शिक्षक के रूप में रखा गया है। इस कॉलेज में सिविल, माइनिंग तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लिए 75-75 सीटों का स्ट्रेन्थ है।
जहां पूरे सीटों पर विद्यार्थियों की उपलब्धता है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि जिला बनने के 8 वर्ष बाद भी सूरजपुर में कोई ऐसा भवन नहीं मिल सका, जिससे उक्त कॉलेज सूरजपुर से संचालित किया जा सके। जबकि इस बीच यहां कई भवनों का निर्माण कराया गया है। प्रशासन द्वारा भी इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया।
पूर्ववर्ती कलक्टरों का ध्यान भी इस ओर आकर्षित कराया गया था। बताया गया है कि केसी देवसेनापति ने तो इस मामले को टीएल में भी रखा था। फिर भी कोई हल नहीं निकल सका। जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी कभी इस दिशा में कोई पहल नहीं की। कई ऐसे भवन यहां उपलब्ध हैं, जहां पूर्ण सुविधा तो नहीं लेकिन जैसे-तैसे तो संचालित किया ही जा सकता था।

दूसरी ओर स्थानीय बेरोजगारों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पॉलिटेक्निक कॉलेज में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के लिए तकनीकी जानकारों को अंशकालिक रूप से रखा जाता है। जिसका लाभ स्थानीय ऐसे बेरोजगारों को नहीं मिल रहा है जो तकनीकी रूप से दक्ष हैं। इस पद पर भी अम्बिकापुर के बेरोजगारों को लाभ मिल रहा है, जिससे सूरजपुर के लोग वंचित हैं। इससे भी सूरजपुर लगभग छलने जैसा ही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो