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कोयले की बंद खदान में गई थी महिला, अचानक इस शक्ल में आ गए यमराज

locationसुरजपुरPublished: Nov 24, 2017 10:45:08 pm

एसईसीएल की बंद हो चुकी दुग्गा ओपन कास्ट माइंस में अन्य ग्रामीणों के साथ कोयला निकाल रही महिला पर गिरी चट्टान

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सूरजपुर. एसईसीएल भटगांव प्रबंधन की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। दुग्गा ओपन कास्ट कोयला खदान करीब तीन वर्ष पहले बंद कर दिया गया था। लेकिन कोयला निकालने के बाद से एसईसीएल प्रबंधन द्वारा उस भूमि को सुरक्षित करना भूल गया था और इसी लापरवाही की वजह से शुक्रवार को एक महिला की बंद खदान में मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह ग्राम अनरोखा निवासी 22 वर्षीय चमेली राजवाड़े पति धर्मराज राजवाड़े सुबह बंद खदान से कोयला लेने गई थी। जहां कई अन्य महिला-पुरूष भी थे। सभी बंद खदान में सुरंग बनाकर कोयला निकाल रहे थे। इसी बीच ऊपर से पत्थर का एक बड़ा चट्टान महिला के ऊपर गिर गया, नीचे दबने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
साथ मेें मौजूद अन्य महिलाएं चट्टान के नीचे दबने से बच गईं। इस घटना से मौके पर अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। इस पर भटगांव पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन के सहारे रेस्क्यू कर मृतिका के शव काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। शव पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो गया था।

सुरक्षा का नहीं है कोई इंतजाम
बंद पड़ी दुग्गा ओसीएम खदान में एसईसीएल की लापरवाही के कारण एक महिला की जान चली गई। ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल द्वारा कोयला निकालने के बाद वहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया और पूरे डेंजर जोन को खुला छोड़ दिया गया था। इसका परिणाम है कि ग्रामीण घर में जलाने के लिए कोयला लेने नीचे पोखरी में जाते हैं और इसी फेर में महिला की जान चली गई। आज बंद हो चुके खदान से कई रास्ते बन गए हैं। ग्रामीण जान की बाजी लगाकर कोयला निकालते हैं।

बाउंड्रीवाल निर्माण में हुआ भ्रष्टाचार
एसईसीएल द्वारार करोड़ों रुपए खर्च कर उस क्षेत्र में बाउंड्रीवाल तो कराया गया है लेकिन यह कार्य भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। बाउंड्रीवाल निर्माण में खदान के ही चट्टान को निकालकर उपयोग किया गया है। इससे काफी घटिया निर्माण हुआ है।
अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से इस कार्य में जमकर गड़बड़ी की गई है। यही वजह है कि बाउंड्रीवाल होने के बावजूद ग्रामीण आसानी से डेंजर जोन में प्रतिदिन आते-जाते हैं।

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