गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया द्वारा चांदनी बिहारपुर अभ्यारण्य क्षेत्र के लिए महुली परिक्षेत्र के प्रभारी अधिकारी बुद्धेश्वर यादव उप वन परिक्षेत्राधिकारी एवं महुली निवासी पप्पू जायसवाल ने बताया कि लम्बे समय से क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा सूचना दी जा रही थी कि संरक्षित वन्य प्राणी बाघ के द्वारा ग्रामीणों के पालतू मवेशियों का शिकार किया जा रहा है।
लगभग 13-14 वर्ष पूर्व चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के जंगलों में खूंखार जंगली जानवर बाघ और चिता की दहाड़ सुनने को मिली थी। उसके बाद अभी क्षेत्र में पंजों के आधार पर बाघ की आमद-रफ्त होने और पालतू मवेशियों पर हमला कर अपना शिकार बनाने की पुष्टि हो रही है।
सोमवार को किए दो शिकार
सोमवार को ग्राम खोहिर निवासी रामशरण सिंह के दो मवेशी जंगल में विचरण कर रहे थे। काफी देर तक जब उनके मवेशी नजर नहीं आए तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। इस दौरान उन्हें पता चला कि शेर ने उनके दोनों मवेशियों का शिकार कर दिया है।
जिले में जानवरों का प्रकोप
इन दिनों जिले में पूरी तरह से जंगली जानवरों से प्रभावित हो चुका है। वर्षों से हाथियों का प्रकोप जिले के ग्रामीण क्षेत्र में है। इसी बीच बिहारपुर वनाचंल क्षेत्र मे अब बाघ होने की बात सामने आ रही है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के दूर अंचल एवं वनपरिक्षेत्र क्षेत्र बिहारपुर मे एक सप्ताह से जंगली बाघ गांव गांव में घूमते नजर आ रहा है।
ग्रामीणों ने दी थी सूचना
ग्रामीणों द्वारा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को लगभग ३ दिन पहले क्षेत्र में संभावित रूप से बाघ होने की सूचना दी गई थी। अगले ही दिन जंगल विभाग के अधिकारियों द्वारा जाकर उसके पांव का पंजा मिलाकर शेर होने की पुष्टि की गई।
गांव में जारी किया गया हाई अलर्ट
क्षेत्र में बाघ होने की पुष्टि हो गई है। हमने पंजों की तस्वीरें भी ली हैं। गांववालों को सतर्क भी कर दिया गया है कि वे जंगलों में न जाएं एवं रात में घरों से बाहर न निकलें। लंबे समय बाद क्षेत्र में बाघ के आने की जानकारी मिली है।
बुद्धेश्वर यादव, डिप्टी रेंजर