सूरजपुर जिले के ओडग़ी विकासखंड अंतर्गत खड़ौली के दुहियापारा में बाल विवाह की सूचना के सत्यापन हेतु चाइल्ड लाइन ओडग़ी की टीम को मौंके पर भेजा गया। यहां परिजन द्वारा जानकारी दी गई कि उसके जन्म तिथि से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है लेकिन लडक़े का उम्र हो जाने के कारण विवाह संपन्न कराने की बात कही गई।
इसकी जानकारी टीम द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी गई। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया को बताया कि ग्रामीण बालक के उम्र कम होने की बात कह रहे है और उसके परिजन उम्र पूरा होने की बात कर रहे है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने निर्देश दिया कि जांच करें और समझाइश देकर विवाह को रोकें। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने तत्संबंध में पुलिस चौंकी चेन्द्रा से सम्पर्क किया गया। शिक्षक लेकर पहुंचे सबूत
जब युवक के स्कूल टीचर से सम्पर्क किया गया तो वे दस्तावेज लेकर वहां पहुंचे। दस्तावेज परीक्षण पर पता चला कि लडक़ा अभी 19 वर्ष 6 माह का है। स्कूल से प्रमाण पत्र लेकर विवाह स्थल पर पूरी टीम के साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी गये जहां पर मण्डप काट कर उसकी पूजा बैगा द्वारा कराई जा रही थी। इसके बाद सभी को समझाइश दी गई कि यदि विवाह होता है तो सभी को जेल जाना पड़ सकता है।
जब युवक के स्कूल टीचर से सम्पर्क किया गया तो वे दस्तावेज लेकर वहां पहुंचे। दस्तावेज परीक्षण पर पता चला कि लडक़ा अभी 19 वर्ष 6 माह का है। स्कूल से प्रमाण पत्र लेकर विवाह स्थल पर पूरी टीम के साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी गये जहां पर मण्डप काट कर उसकी पूजा बैगा द्वारा कराई जा रही थी। इसके बाद सभी को समझाइश दी गई कि यदि विवाह होता है तो सभी को जेल जाना पड़ सकता है।
21 वर्ष पूरा होने पर शादी करने की दी गई समझाइश
उन्हें बताया गया कि बालक की उम्र 19 वर्ष 06 माह हुआ है। 21 वर्ष होने पर ही विवाह हो पाएगा। बहुत समझाने पर ग्रामवासी विवाह नहीं करने को राजी हुए। मौके पर ग्राम पंचायत खड़ौली के सरपंच महेन्द्र पण्डो सचिव, आंगनाड़ी कार्यकर्ता मौजूद थे।
संयुक्त टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, जेजी वर्मा, जनार्दन यादव, अन्नपूर्णा पाटिल, चौकी चेन्द्रा के एएसआई हरिशंकर तिवारी, आरक्षक सुुशील कुमार मिश्रा उपस्थित थे।