यह पुरस्कार इसरो (ISRO) के पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. वी. अधिमूर्ति व नासा (NASA) के ट्रॉई डीक्लाइन द्वारा दिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य से एकमात्र जरही के प्राचार्य का चयन किया गया था। इस उपलब्धि से स्कूल प्रबंधन द्वारा उनके वापस जरही पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। रामकिशन यादव इससे पूर्व मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व बिहार सहित अनेक राज्यों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
डीव्हीएम स्कूल में आयोजित स्वागत समारोह में प्राचार्य रामकिशन यादव ने कहा कि विद्यालय को संचारित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका विद्यालय के प्राचार्य की होती है, जो गुणवत्ता भरी शिक्षा प्रदान करने में सहायक होता है।
विद्यालय को ऊंचाइयों तक पहुंचाने एवं अभिभावकों के साथ बेहतर तालमेल से कार्य करना एक प्राचार्य का दायित्व होता है। शिक्षा ही श्रेष्ठ एवं बुद्धिमतापूर्वक जीवन का उत्तम स्थान है। मानव के उद्धव काल से ही मानव ने अच्छे ढंग से जीवन जीने की शैली की खोज की, जिसमें शिक्षा ही सर्वोत्तम स्थान पर है।
शिक्षा प्रदान करने का माध्यम है। आज बच्चों में व्यक्तित्व का मूल्यांकन पुस्तक के ज्ञान पर आधारित विषयों में लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है। माता-पिता भी अपने बच्चों की तुलना उनके द्वारा लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही करते हैं। बच्चों में निहित अच्छे गुण और चरित्र को अनदेखा कर जाते हैं, जो कि बच्चों में कुंठा पैदा करती है।
दूसरे बच्चों से न करें अपने बच्चों की तुलना
प्राचार्य ने कहा कि हमें अपने बच्चों की तुलना पड़ोस में रहने वालेे बच्चों या रिश्तेदारों के बच्चों से नहीं करना चाहिए। बल्कि उनके अच्छे गुणों की पहचान करके उन्हें बढ़ावा देना चाहिए। इस दौरान प्रशांत पाण्डे, मैनेजर प्रियंका, सोनम गुप्ता, सोनम सोनी, रीतू ठाकूर, साक्षी जेसवार, अंजली यादव, स्नेहा गुप्ता, सुषमा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।