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World Heart Day: कोरोना काल में तनाव को दिमाग पर न होने दें हावी, हृदय पर पड़ता है सीधा प्रभाव, महिलाएं बरतें विशेष सावधानी

locationसुरजपुरPublished: Sep 29, 2020 11:53:49 pm

World Heart Day: विश्व हृदय दिवस आज पर डॉक्टरों ने हृदय रोग (Heart disease) से बचाव व सावधानियों से कराया अवगत, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘हृदय रोग को हराने के लिए हृदय का उपयोग करें’ रखी गई है थीम

World Heart Day: कोरोना काल में तनाव को दिमाग पर न होने दें हावी, हृदय पर पड़ता है सीधा प्रभाव, महिलाएं बरतें विशेष सावधानी

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सूरजपुर. हृदय रोग की पहचान व इसके समय पर निदान को लेकर जागरूक करने के उद्धेश्य से प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World heart day) मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष की थीम ‘हृदय रोग को हराने के लिए हृदय का उपयोग करें’ रखी गई है।
हृदय के प्रति जागरूकता और इससे संबंधित समस्याओं से बचाव के उपायों को देखते हुए खुद से यह वादा करें कि तनावमुक्त (Tension free) होकर अपने दिल का ख्याल रखेंगे क्योंकि दिल हैं तो दुनिया है।

सूरजपुर सीएमएचओ डॉक्टर आरएस सिंह ने बताया कि ह्दय रोग अपने नाजुक दिल की देखभाल करने से ही सही हो सकते हैं। शरीर में दिल एक बहुत ही नाजुक अंग है इसे संभालकर रखने के लिये हमें संयमित दिनचर्या का पालन करना होगा तभी हमारा दिल स्वस्थ और हम खुशदिल रहेंगे।
इसके लिये नियमित रुप से संतुलित आहार और व्यायाम को अपनी जीवनचर्या में शामिल करना होगा। विश्व हृदय दिवस हृदय की सुरक्षा का संकल्प लेने के लिए अच्छा अवसर है।मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल डॉ. राजेश पैकरा का कहना है कि कोरोना काल में दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं पडऩे दें क्योंकि इसका असर सीधा दिल पर होता है, जो हमारे मनोबल को भी कमजोर करता है।
अधिकांश मामलों में हृदय रोग का प्रमुख कारण तनाव ही होता है और मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी हृदय रोगों को जन्म देतीं हैं। सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ दिनचर्या की शुरुआत करें जहां तक संभव हो मानसिक तनाव से दूर रहना चाहिए।
मस्तिष्क और दिल दो धुरी है हम जैसा सोचते है वैसा ही हमारा दिल पर असर होता है पर पड़ता है। कोरोना काल में किसी भी तनाव (Tension) को मस्तिष्क पर हावी न होने दें, मस्तिष्क में तनाव उत्पन्न होगा तो उसका प्रभाव सीधा हृदय पर पड़ता है।

महिलाएं बरतें विशेष सावधानी
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आंकड़ों को मानें तो महिलाओं में हृदय रोग होने की संभावना पुरुषों से अधिक है, हृदय रोग की व्यापकता दर पुरुषों में 458 प्रति 1 लाख है। वहीं महिलाओं में यह दर 582 प्रति 1 लाख है। मतलब यह है कि 1 लाख महिलाओं में लगभग 582 महिलायें ह्रदय रोग से पीडि़त होती हैं। वहीं 1 लाख पुरुषों में 458 पुरुष ह्रदय संबंधी रोगों से पीडि़त होते हैं। इसलिए महिलाओं को ह्रदय संबंधी रोगों से बचने के लिए विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए।

रहें जागरूक, समय पर कराएं जांच
सेहतमंद जिंदगी के लिए दिल का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। डॉक्टर्स भी मानते हैं कि दिल भी हमारा ख्याल तभी रखेगा जब हम दिल का रखेंगे, इसलिए सावधानी जरूरी है। रक्तचाप की जांच कराने से भविष्य में होने वाले हार्टअटैक के खतरे को समय रहते कम किया जा सकता है।
अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र या हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर गैर संचारी रोग, एनसीडी कार्यक्रम में 30 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को वर्ष में कम से कम 2 बार अपने ह्रदय रक्तचाप की जांच करानी चाहिए। यह जांच निशुल्क की जाती हैं।

जरूरी हैं ये सावधानियां
1. प्रतिदिन व्यायाम के लिए भी समय निकालें।
2. धूम्रपान बिल्कुल न करें, यह हृदय के साथ ही कई बीमारियों का कारक है।
3. भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम लें
4. ताजे फल और सब्जियों को भी प्रमुख आहार में शामिल करें।
5. तनाव अधिक होने पर योग व ध्यान का सहारा लें।
6. स्वस्थ शरीर और दिल के लिए भरपूर नींद लें।
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