इसलिए मनाया जाता है रक्तदान दिवस नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर का जन्मदिवस 14 जून है। इन्होंने ए, बी और ओ ब्लड ग्रुप सिस्टम को खोजा था। इनके जन्म दिवस पर विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। इनकी खोज से पहले यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप की जानकारी के किया जाता था। उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वल्र्ड ब्लड डोनर डे 2022 की थीम ‘रक्तदान करना एकजुटता का कार्य है, ऐसे में प्रयास का हिस्सा बनें और जीवन बचाएं’ है।
कोरोना के बाद रक्तदान शिविरों में आई कमी सूरत रक्तदान केन्द्र और रिसर्च सेंटर के जनसम्पर्क अधिकारी नितेश मेहता ने बताया कि शहर में कोरोना के बाद रक्तदान शिविरों में कमी आई है। साल 2022 में जनवरी से अब तक 122 रक्तदान शिविरों का आयोजन हुआ, जिसमें 10,543 और 743 जनों ने ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान से कुल 11,286 लोगों ने रक्तदान किया। इसमें 10,799 पुरुष और 487 महिला हैं। वर्ष 2021 में 23,221 लोगों ने रक्तदान किया है। इसमें 22,408 पुरुष और 813 महिला हैं।
ब्लड बैंक जाकर रक्तदान की संख्या बढ़ी मेहता ने बताया कि ब्लड बैंक में जाकर स्वैच्छिक रक्तदान करने वालों की संख्या बढ़ गई है। पिछले कुछ सालों के रिकार्ड देखें तो ब्लड बैंक में रक्तदान करने वाले 2100 से 2500 लोग थे। लेकिन 2020-21 में यह आंकड़ा बढकऱ 5,187 हो गया है। कोविड के बाद ब्लड बैंकों में जरूरत पडऩे पर मरीज के ग्रुप का यूनिट मिलने में काफी परेशानी आती है। ब्लड बैंकों ने अब फिर से सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ, युवा संगठनों से नियमित 365 दिन रक्तदान शिविरों के आयोजन के लिए आगे आने की अपील की है।
शहर में हुए रक्तदान और जमा रक्त यूनिट माह /रक्तदान शिविर /एकत्रित रक्त युनिट मई -20 -2039 अप्रेल -25 -1346 मार्च -33 -3370 फरवरी -24 -1965 जनवरी -20 -1823
कुल -122 -10,543 कोरोना के पहले और अब हुए रक्तदान शिविरों की स्थिति वर्ष /रक्तदान शिविर /एकत्रित रक्त युनिट 2021-22 -293 -25,611 2020-21 -266 -18,580 2019-20 -361 -31,695 2018-19 -373 -30,167
2017-18 -384 -29,195 2016-17 -365 -30,666