सरकार से मिले अनुदान से खरीदी थीं गाडिय़ां
गुजरात सरकार ने 26 फरवरी 2014 को महात्मा गांधी स्वच्छता मिशन प्रारंभ किया था। इसके तहत बीलीमोरा नगर पालिका को 45 लाख रुपए का अनुदान मिला था। स्वच्छता मिशन के तहत बचे हुए अनुदान की रकम से बीलीमोरा पालिका के शासकों ने कन्टेनर एवं 6 डिब्बे वाली कचरा गाडिय़ां खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके ढाई वर्ष बाद 24 अक्टूबर 2016 को बीलीमोरा पालिका ने स्थानीय डायमंड एन्टरप्राइज को वर्क ऑर्डर दिया था। कंपनी ने 8500 रुपए की 6 डिब्बे वाली एक कचरा गाड़ी ऐसी कुल 2,12,500 रुपए की लागत से तैयार हुई 25 कचरा गाडिय़ों की डिलीवरी एक महीने बाद दी थी। इन कचरा गाडिय़ों के जरिए पालिका के सफाई कर्मी शहर के मुख्य व वार्ड के रास्तों, गलियों से उठाकर पालिका के कचरा वाहन में डालते हैं और कचरा वाहन से पालिका की डम्पिंग साइट पर कचरा फेंका जाता है।
गुजरात सरकार ने 26 फरवरी 2014 को महात्मा गांधी स्वच्छता मिशन प्रारंभ किया था। इसके तहत बीलीमोरा नगर पालिका को 45 लाख रुपए का अनुदान मिला था। स्वच्छता मिशन के तहत बचे हुए अनुदान की रकम से बीलीमोरा पालिका के शासकों ने कन्टेनर एवं 6 डिब्बे वाली कचरा गाडिय़ां खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके ढाई वर्ष बाद 24 अक्टूबर 2016 को बीलीमोरा पालिका ने स्थानीय डायमंड एन्टरप्राइज को वर्क ऑर्डर दिया था। कंपनी ने 8500 रुपए की 6 डिब्बे वाली एक कचरा गाड़ी ऐसी कुल 2,12,500 रुपए की लागत से तैयार हुई 25 कचरा गाडिय़ों की डिलीवरी एक महीने बाद दी थी। इन कचरा गाडिय़ों के जरिए पालिका के सफाई कर्मी शहर के मुख्य व वार्ड के रास्तों, गलियों से उठाकर पालिका के कचरा वाहन में डालते हैं और कचरा वाहन से पालिका की डम्पिंग साइट पर कचरा फेंका जाता है।
भंगार बन चुकी हैं कचरा गाडिय़ां
शहर में कचरा उठाने में 25 में सिर्फ 15 कचरा गाडिय़ों का उपयोग शुरू किया था। जबकि 10 कचरा गाडिय़ां पालिका भवन के पीछे खुले में पिछले डेढ़ वर्ष से धूल खा रही हैं। जो लंबे समय से उपयोग नहीं होने पर भंगार बन चुकी हैं।
शहर में कचरा उठाने में 25 में सिर्फ 15 कचरा गाडिय़ों का उपयोग शुरू किया था। जबकि 10 कचरा गाडिय़ां पालिका भवन के पीछे खुले में पिछले डेढ़ वर्ष से धूल खा रही हैं। जो लंबे समय से उपयोग नहीं होने पर भंगार बन चुकी हैं।
शहर में चर्चा 25 गाडिय़ां क्यों बनवाई? उधर, पालिका के शासकों ने हाल ही में शहर में सफाई अभियान के फोटो सोशल मीडिया में वायरल किए हैं। जिस पर शहर में चर्चा उठी है कि अगर पालिका को सिर्फ 15 कचरा गाडिय़ों का ही उपयोग करना था, तो फिर 25 गाडिय़ां क्यों बनवाई? वहीं, पालिका परिसर में भी सरकारी अनुदान के दुरुपयोग करने की चर्चा उठी है।