सूरत

डेड माइलेज पर काबू रखकर क्लाइमेट चेंज को एड्रेस करने की कवायद

नेट लाभ के साथ ही बच्चों की सेहत भी होगी नेट पॉजिटिव, हर साल कम होगा 142 एमटी कार्बन डाइ ऑक्साइड और बचेंगा 54 हजार लीटर डीजल

सूरतJul 02, 2022 / 11:47 pm

विनीत शर्मा

डेड माइलेज पर काबू रखकर क्लाइमेट चेंज को एड्रेस करने की कवायद

विनीत शर्मा
सूरत. मनपा प्रशासन एक तीर से कई निशाने साधने की कवायद को चरितार्थ करने जा रहा है। क्लाइमेट चेंज को एड्रेस करने की नीति पर आगे बढ़ते हुए मनपा प्रशासन अब डेड माइलेज को कम करने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है। मनपा की इस कोशिश से नेट लाभ के साथ ही बच्चों की सेहत को भी नेट पॉजिटिव बनाया जा सकेगा। यह संभव होगा शहर में अलग-अलग दो जगहों पर नए पेट्रोल पंप स्थापित कर। ऐसा करने से जहां 54 हजार लीटर डीजल हर साल बचेगा, कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन भी 142 एमटी कम होगा।
रेस्पिरेटरी डिजीज का सबसे ज्यादा शिकार बच्चे होते हैं और इन बीमारियों की बड़ी वजह डीजल से होने वाला प्रदूषण है। यदि शहर में डीजल की खपत कम कर दी जाए तो बच्चों को इन बीमारियों से बचाना ज्यादा आसान होगा। इस दिशा में मनपा प्रशासन ने अपने हिस्से की कोशिश शुरू कर दी है। डीजल की खपत पर काबू पाने के लिए मनपा प्रशासन अपने वाहनों के लिए शहर में दो पेट्रोल पंप खोलने जा रहा है। मनपा के सभी जोन की गाडिय़ों को इन दो पेट्रोल पंपों से डीजल दिया जाएगा। इससे जहां मनपा का डेड माइलेज कम होगा, कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन भी घट जाएगा। साथ ही पेट्रोल भराने के लिए विभिन्न जोन से वाहनों के आने-जाने में लगने वाला समय भी कम होगा।

यह है योजना
वराछा जोन की वर्कशॉप में मनपा का एक पेट्रोल पंप है, जहां से शहर के विभिन्न जोन के वाहनों में डीजल भरा जाता है। यहां आने-जाने में वाहनों को अतिरिक्त समय लगता है और डीजल की अनावश्यक खपत से डेड माइलेज भी बढ़ता है। इसे देखते हुए मनपा ्रप्रशासन ने इस पेट्रोल पंप को बंद कर कतारगाम जोन में गोतालावाडी और उधना जोन में खरवरनगर में दो पेट्रोल पंप खोलने का निर्णय किया है।

दोनों पंपों पर जाएंगी रांदेर जोन की गाडिय़ां
शहर में मनपा के 791 वाहन हैं। गोतालावाडी पंप पर कतारगाम जोन और वराछा ए व बी जोन की 471 गाडिय़ों में डीजल भरा जाएगा। खरवरनगर पंप से उधना ए व बी, लिंबायत और अठवा जोन के 320 वाहनों में डीजल भरा जाएगा। रांदेर जोन के वाहनों को दोनों पंपों से डीजल मिलेगा।

एसवीएनआइटी ने दी रिपोर्ट
इस प्रोजेक्ट पर सर्वे कर मनपा प्रशासन ने एसवीएनआइटी से एक्सपर्ट व्यू मांगा था। एसवीएनआइटी के मुताबिक इस कोशिश से मनपा को हर साल 93 लाख की ग्रॉस और 60 लाख रुपयों की नेट बचत होगी। इसके अलावा 12250 मानव घंटे भी बचेंगे। हर साल 54 हजार लीटर डीजल की बचत से 142 एमटी कार्बन डाइ ऑक्साइड में भी कमी आएगी। साथ ही डीजल भरवाने के लिए आने-जाने में गाड़ी के घिसाव, ल्यूब्रिकेंट समेत कई दूसरे खर्च में भी कमी आएगी।

विशेषज्ञ चिकित्सक से मांगी थी ओपीनियन
मनपा प्रशासन ने नवंबर 2019 में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कापसे को पत्र लिखकर डेड माइलेज के लिए किए जाने वाले प्रयासों से रेस्पिरेटरी बीमारियों पर पडऩे वाले असर पर ओपीनियन मांगी थी। डॉ. कापसे ने मनपा के इस प्रयास की सराहना करते हुए बच्चों में होने वाली बीमारियों की बड़ी वजह डीजल के प्रदूषण को बताया था।

क्लाइमेट चेंज पर भी पड़ेगा असर
मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणि की पहल पर मनपा प्रशासन बीते लंबे समय से क्लाइमेट चेंज से निपटने के प्रयास कर रहा है। साइकिल प्रोजेक्ट, ई वाहनों के लिए पॉलिसी और मनपा के बेड़े में ई वाहनों को जोडऩे की कोशिशों को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में डीजल के डेड माइलेज को कम करने के प्रयास बड़ा असर डालेंगे।
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