प्रकरण के अनुसार मूलत: मध्यप्रदेश निवासी युवक वर्ष 2015 में अमरोली क्षेत्र में पत्नी और तीन बेटियों के साथ रहता था और ऑटो चलाकर परिवार का गुजारा करता था। इस दौरान उसने देवेन्द्र उर्फ बिल्लू रामस्वरूप गुज्जर नाम के अपने ऑटो चालक दोस्त को घर में पनाह दी। एक घर में रहने से पति-पत्नी को देवेन्द्र पर भरोसा हो गया था। 11 जून, 2015 को पति-पत्नी सब्जी खरीदने बाजार गए और तीनों बेटियों को देवेन्द्र के पास छोड़ कर गए। इस दौरान देवेन्द्र ने दम्पती की दो साल की बेटी से बलात्कार किया। जब दम्पती लौटा तो बच्ची रो रही थी और खून से सनी हुई थी। उन्होंंने देवेन्द्र से पूछा तो पहले उसने गोल-गोल घुमाया, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बलात्कार करने की बात कबूल ली। दम्पती की शिकायत पर अमरोली पुलिस ने देवेन्द्र उर्फ बिल्लू के खिलाफ बलात्कार तथा पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। चार्जशीट पेश होने के बाद से मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान लोकअभियोजक किशोर रेवलिया आरोपों को साबित करने में सफल रहे। शनिवार को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए उसे 20 साल की कैद और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।