जानकारों के अनुसार जैसलमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक की जिले भर में 3 लाख से अधिक खाता धारक है। इनमें से 1.50 लाख से अधिक किसान ऋण धारक किसान है। जिनमें बैंक का करीब 29 हजार 300.66 लाख रुपए बकाया है। वर्तमान में बैंक का वसूली अभियान व रबी ऋण देने की प्रक्रिया चल रही है। केन्द्रीय सहकारी बैंकों पर बड़े नोट के लेन-देन पर रोक लगाने से रबी ऋण के साथ किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर असर पडऩे के आसार र्है। चना व सरसों का बीमा 30 नवंबर तक होना है, जबकि अब तक किसानों को ऋण वितरण एक पखवाड़े से बंद पड़ा है।
फैक्ट फाइल -4.50 लाख से अधिक खाता धारक है केन्द्रीय सहाकरी बैंक व ग्राम सेवा सहकारी समितियों में। -8 केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखाएं संचालित हो रही है जिले में। -214 ग्राम सहकारी समितियां कार्यरत है सरहदी जैसलमेर जिले में।
-29, 300 लाख से अधिक ऋण बकाया है केन्द्रीय सहकारी बैंक का। -5954.92 लाख का रबी ऋण दिया गया था गत साल। -1340.12 लाख का रबी ऋण ही दिया जा सका है अब तक।
-1 किसान को भी नोटबंदी के बाद से नहीं मिला है रबी ऋण। -405.77 लाख का ऋण ब्याज हो चुका है पहले से अवधिपार। -1686 लाख का ऋण राशि चल रही अवधिपार।
-1.50 लाख जनों के पेंशन, नरेगा व भामाशाह के जुड़े हुए है खाते। ्रपुनर्विचार होना चाहिए केन्द्रीय सहकारी बैंकों पर 500 व 1 हजार के नोट लेने पर रोक के निर्णय पर पुनर्विचार होना चाहिए। रिजर्व बैंक के इस निर्णय से जहां लाखों किसानों का रबी ऋण प्रभावित होगा, वहीं बैंक की वसूली भी अटक जाएगी। जेब में राशि होने के बाद भी किसान डिफॉल्टर की श्रेणी में होंगे। उन्हें रबी के ऋण व फसली बीमा से भी वंचित रहना पड़ सकता है।
-सादुलसिंह शेखावत मैनेजिंग डॉयरेक्टर, जैसलमेर सेन्टर कॉ-ऑपरेटिव बैंक