बारडोली नगरपालिका की नांदीडा गांव स्थित डिस्पोजल साइट पर भ्रष्टाचार होने की बात सामने आने पर स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन किशोर चौधरी ने लिखित शिकायत कर विशेष सामान्य सभा बुलाने की मांग की थी। इसके बाद 14 जुलाई को हुई विशेष सामान्य सभा में नगरपालिका प्रमुख फाल्गुनी देसाई, कारोबारी अध्यक्ष नितिन शाह, निर्माण समिति अध्यक्ष जेनिश भंडारी और स्वास्थ्य समिति के सदस्य हितेश पारेख की कमेटी गठित कर जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
समिति ने सेनेटरी इंस्पेक्टर राजेश भट्ट (टीनाभाई), सुपरवाइजर नरेश भंडारी, एकाउंटन्ट हेमाली पटेल, बारडोली विभाग ग्राहक भंडार के मैनेजर, ठेकेदार फर्म माधव एंटरप्राइज के संचालक से पूछताछ की थी। पूछताछ में सेनेटरी इंस्पेक्टर और सुपरवाइजर की कर्तव्य में लापरवाही सामने आई थी। साथ ही जांच में यह भी पता चला था कि दूसरा प्रोसेसिंग यूनिट जून माह से शुरू हुआ था, फिर भी इसका बिल मई माह में रखा गया। दोनों कर्मचारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया था। उनकी लापरवाही को देखते हुए दोनों अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। जांच समिति ने उनकी लापरवाही का पहला मामला देखते हुए दोनों से माफीनामा लिखवाने की सिफारिश की है।
रिपोर्ट में समिति ने एजेंसी से 30 लाख रुपए की रिकवरी करने की सिफारिश की है। सामान्य सभा ने रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए उसकी सिफारिशों पर अमल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। चर्चा के दौरान निर्दलीय पार्षद आरिफ़ पटेल ने इस मामले में चीफ ऑफिसर और स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर हैरानी जताते हुए कार्रवाई की मांग की।