प्रदेश में आपातकालिन सेवा से जुड़े इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टट्यूट के अधिकारियों की माने तो कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान अप्रेल व मई माह में प्रदेश सख्त लॉकडाउन था। व्यापार, उत्पादन सभी तरह की गतिविधियां बंद थी। इसका परिवहन पर भी असर पड़ा परिवन बहुत कम होने के कारण अप्रेल व मई में पिछले साल सडक़ हादसे में कमी आई। अधिकतर सडक़ हादसे राजमार्गो पर ही होते है और सबसे अधिक संख्या दुपहिया वाहनों की होती हैं।
अप्रेल 2020 में दुपहिया वाहनों के 2 हजार 778 व मई में 3 हजार 784 हादसे सामने आए। कुल मिला कर दो महीनों में 6 हजार 652 दुपहिया वाहन चालक हादसों का शिकार हुए। 2021 में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अप्रेल व मई में प्रदेश में फिर पाबंदियां लगाई गई। इस बार उत्पादन पर समीत परिवहन पर कोई रोक नहीं लगाई गई।
इस मीनी लॉकडाउन कहा गया। पिछले साल की अपेक्षा इस साल इन दो माह में परिवहन अधिक होने से हादसे भी अधिक हुए। इस साल पिछले साल की अपेक्षा अधिक हादसे हुए। इस साल अप्रेल में 4 हजार 15 व मई में 4 हजार 799 दुपहिया वाहन हादसों का शिकार हुए।
पिछले साल सडक़ हादसों में हुई थी 22 फीसदी कमी कोरोना काल में आवाजाही पर रोक व सोशल डिस्टेन्सिंग पर जोर का सडक़ हादसों पर व्यापक असर पड़ा था। इसी वजह से पिछले साल प्रदेश में सडक़ हादसों में 22 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी। 2019 में गुजरात में कुल एक लाख 32 हजार 985 सडक़ हादसे हुए थे। वहीं 2020 में यह घट कर एक लाख 3 हजार 525 रह गए।
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लॉकडाउन व मीनी लॉकडाउन आंकडों का गणित वर्ष – 2020 – 2021
अप्रेल – 3453 – 5322
मई – 5067 – 6444
कुल – 8520 – 11766
———————— सूरत में सबसे अधिक 47 फीसदी तक कमी आई
वर्ष – 2019 – 2020
अहमदाबाद – 14088 – 11750
सूरत – 6633 – 3538
वड़ोदरा – 4205 – 3806
राजकोट – 3694 -3065
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