scriptRAIN NEWS: मधुबन डेम से छोड़ा 40 हजार क्यूसेक पानी | 40 thousand cusecs of water released from Madhuban Dame | Patrika News

RAIN NEWS: मधुबन डेम से छोड़ा 40 हजार क्यूसेक पानी

locationसूरतPublished: Sep 05, 2019 09:56:19 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

बारिश से नदी-नाले हुए लबालबमानसून सक्रिय रहने से मौसम सुहावना

RAIN NEWS: मधुबन डेम से छोड़ा 40 हजार क्यूसेक पानी

RAIN NEWS: मधुबन डेम से छोड़ा 40 हजार क्यूसेक पानी


सिलवासा. समय पर मानसून ने सक्रिय रहकर खरीफ की सिंचाई दूर कर दी है। बुधवार रात को मेघराजा जमकर बरसे। मधुबन डेम में पानी की अप्रत्याशित वृद्धि होने से दमणगंगा नदी में 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नदी तेजी से बहने लगी है। दिन के वातावरण में नमी 89 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई।
मानसून सक्रिय रहने से मौसम सुहावना बन गया है। शहरी क्षेत्रों के बजाए महाराष्ट्र सीमावर्ती मांदोनी, दुधनी, खेरड़ी संभाग में अधिक बरसात हुई है। बारिश से खानवेल में साकरतोड़ दोनों किनारों से बहने लगी है। दमणगंगा में जल प्रवाह बढऩे से अथाल रिवर फं्रंट को छूकर नदी बह रही है। दपाड़ा, आबोली, रखोली, सुरंगी के मैदानी खेत ताल तलैया बन गए हैं। चेकडेम व तालाब पुन- लबालब भर गए हैं। खेतों में सिंचाई की जरूरत पूरी हो गई है। किसानों के अनुसार तराई वाले खेतों में पानी भरने से धान की फसल को फायदा पहुंचा है।
बाढ़ नियंत्रण केन्द्र के अनुसार 24 घंटे में 44.6 मिमी बारिश हुई है। अब तक सिलवासा में 2828 तथा खानवेल में 3176 मिमी पानी बरस चुका है। पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण मधुबन डेम में पानी 23435 क्यूसेक की दर से भर रहा है। बहरहाल, डेम का एक गेट खुला है। दमणगंगा में पानी भरने से रखोली, कराड़, मसाट, अथाल, पिपरिया, लवाछा के तटीय क्षेत्रों में पानी भर गया है। बारिश के कारण शहर सहित नरोली, मसाट, खानवेल तथा दादरा रोड पर जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं।
RAIN NEWS: मधुबन डेम से छोड़ा 40 हजार क्यूसेक पानी
इस साल मानसून में सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक बारिश
गुरुवार रात को पानी डिस्चार्ज के बाद मधुबन डेम का लेवल 77.0 मीटर चल रहा है। इस साल मानसून में सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मानसून ने 29 जून को दस्तक दी थी, इसके बाद अधिक लम्बा विराम नहीं लिया। जुलाई,अगस्त धुआंधार मेघ बरसने से औसत बारिश का ग्राफ 15 अगस्त तक पूरा हो गया। सबसे अधिक बरसात 2017 में 3579.8 मिमी हुई थी। इससे पहले वर्ष 2018 में 2357.7 मिमी 2016 में 2427, 2014 में 2279, 2015 में 1588 मिमी बारिश हुई है। मौसम संबंधी रिकॉर्ड खंगाले तो वर्ष 1966 से लेकर 2018 तक सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड 1994 के नाम दर्ज है। सन्1994 में 3829.41 मिमी तथा वर्ष 1981 में 3434.0 मिमी बारिश हुई थी। सबसे कम वर्षा 1974 में 1281.0 मिमी दर्ज की थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो