प्रदेश में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और आंगनवाड़ी पोलियो के बूथ बनाए गए। बूथों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं की सेवा ली गई। सवेरे 8 बजे से दवा पिलाने का कार्य आरम्भ हो गया तथा सायं 5 बजे तक चला। स्वास्थ्य विभाग ने गुजरात एसटी एवं मिनी बस स्टेण्ड पर स्टॉल लगाकर नन्हे बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई। अभियान की कमान संभाल रहे वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर ए के माहला ने बताया कि शहरी विस्तार में 47 केन्द्रों पर लगभग 30 हजार बच्चों को दवा पिलाई गई। मिनी बस स्टैण्ड, चर्च, श्री विनोबाभावे अस्पताल, किलवणी नाका, झंडा चौक, बाविसा फलिया, पिपरिया और डोकमर्डी मेंं अपेक्षा से अधिक बच्चों को दवा पिलाने में सफलता मिली। ठंड के कारण सवेरे 10 बजे तक घरों से बच्चे कम निकले, परन्तु दोपहर तक अधिकांश केन्द्रों पर अभिभावक बच्चों के साथ देखे गये। ग्रामीण विस्तारों में रांधा, किलवणी, दपाड़ा, खानवेल, दूधनी, आंबोली, सुरंगी, खेरड़ी, रूदाना, कौंचा, सिंदोनी और मांदोनी में भी बड़ी संख्या में बच्चों ने पोलियो दवा गटकी। दूरदराज के गांवों में 5 वर्ष के लगभग 90 प्रतिशत बच्चों को दवा पिलाने में सफलता मिली है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए अभिभावको को पहले सूचित कर दिया था। पोलियो उन्मूलन अभियान में शहर की समाजसेवी संस्थाओं का भी सहयोग रहा।