कोरोना की दूसरी लहर के बाद रेलवे ने बंद ट्रेनों को फिर चलाना शुरू किया है, लेकिन ट्रेनों की संख्या पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा कन्फर्म टिकट वाले को ही सफर करने देने के नियम के चलते हजारों यात्री टिकट नहीं मिलने के कारण सफर नहीं कर पा रहे है। इसलिए यात्री अनाधिकृत दलालों से सम्पर्क कर किसी भी दाम पर कन्फर्म टिकट लेने को मजबूर हो रहे है। राजस्थान पत्रिका ने पहले ही सीनियर सिटीजन कोटे में कन्फर्म टिकट लेकर यात्रा करने वालों की खबर प्रकाशित की थी। उसके बाद विजिलंस विभाग भी सक्रिय हो गया और स्पेशल ट्रेनों में जांच अभियान चला रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि मुम्बई विजिलंस अधिकारी हिमांशु कापडिय़ा ने रेलवे सुरक्षा बल हेड कांस्टेबल वैभव जोशी, देवेन्द्र वानी के साथ गुरुवार को 09484 बरौनी-अहमदाबाद स्पेशल में छापे की कार्रवाई की।
ई टिकट के प्रिंट में छेड़छाड़ रेलवे ने बताया कि अनाधिकृत दलाल यात्रियों को कन्फर्म टिकट दिलवाने के लिए मोटी रकम की डिमांड करते है। यात्री से ऊंचा भाव तय करने के बाद दलाल सीनियर सिटीजन कोटे में यात्री की कन्फर्म टिकट बना देता है। इसके बाद यात्री को ई टिकट का प्रिंट देने के पहले दलाल टिकट में यात्री का उम्र बदल देते है। लेकिन टीटीई के पास मौजूद आरक्षण चार्ट में सीनियर सिटीजन कोटे की सीटें अलग से दिखाई जाती है। विजिलंस जांच के दौरान ऐसे यात्री फंस जाते हैं और उन्हें बिना टिकट मानते हुए पूरा किराया वसूल किया जाता है। पूर्व में अहमदाबाद-हावड़ा, अबमदाबाद-पुरी समेत अलग-अलग ट्रेनों में इसी तरह के टिकट के साथ यात्री पकड़े गए।