कोरोना की दूसरी लहर में देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिली थी। मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करने वाले राज्यों में मरीजों की हालत खराब हो रही थी। भारतीय रेलवे ने इस मुश्किल घड़ी में कोविड के खिलाफ संयुक्त जंग को मजबूती प्रदान करते हुए ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय किया। सूत्रों ने बताया कि पश्चिम रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरात से दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र के लिए चलाई गई। पश्चिम रेलवे ने 24 मई को एक दिन में सर्वाधिक 468 टन से अधिक ऑक्सीजन का परिवहन करने का रिकार्ड बनाया है।
इसमें पश्चिम रेलवे ने 5 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाईं, जिनमें 25 टैंकरों के जरिए 467.60 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का परिवहन किया गया। इन 5 ऑक्सीजन ट्रेनों में से 3 ट्रेनें गुजरात के हापा से बेंगलुरु और दिल्ली के लिए, एक ट्रेन कानालुस से बेंगलुरु तथा एक अन्य ट्रेन गुजरात के वडोदरा मंडल में और सूरत के निकट हजीरा से दिल्ली के लिए रवाना की गई है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे ने अब तक 54 आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई है और इन ट्रेनों में 255 टैंकरों के जरिये लगभग 5100 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन का परिवहन किया गया है। जल्द से जल्द अपने गंतव्य स्थलों तक पहुंचने के लिए इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर ग्रीन कॉरिडोर ट्रैक बनाकर निर्बाध पथ पर चलाया जा रहा है।
15 राज्यों को 19,408 टन ऑक्सीजन देश में भारतीय रेलवे ने अब तक 15 राज्यों में 41 स्टेशन के लिए 289 ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 19,408 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। इसमें मुख्य रुप से विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र (614 टन), उत्तर प्रदेश (3649 टन), मध्यप्रदेश (633 टन), दिल्ली (4600 टन), हरियाणा (1759 टन), राजस्थान (98 टन), कर्नाटक(1063 टन), उत्तराखंड (320 टन), तमिलनाडु (1024 टन), आंध्रप्रदेश (730 टन), पंजाब (225 टन), केरल (246 टन) तेलंगाना (976 टन) एवं आसाम (80 टन) को 977 टैंकरों के जरिए 16023 मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाया गया है। भारतीय रेलवे ऑक्सीजन की जरुरत वाले राज्यों को कम से कम समय में अधिक से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है।