सूत्रों के अनुसार रेलवे ने वर्ष 2011 में ग्वालियर से वाराणसी के बीच चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस में पहली बार बायो टॉयलेट लगाया था। हाल ही पश्चिम रेलवे की विभिन्न ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाए गए हैं, लेकिन यात्रियों में जागरुकता के अभाव में यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। रेलवे के शिकायत नम्बरों पर सबसे अधिक शिकायतें बायो टॉयलेट चॉक होने की आती हैं। इसलिए रेलवे ने यात्रियों को जागरूक करने के लिए वर्कशॉप का आयोजन शुरू किया है। सूरत स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर रविवार और सोमवार को बायो टॉयलेट का कट मॉडल रखकर यात्रियों को जानकारी दी गई कि यह कैसे काम करता है। सूरत के डीएमई अनिल ठाकर तथा सीनियर एसईई की ओर से आयोजित इस वर्कशॉप में रविवार को तीन सौ तथा सोमवार की शाम तक साढ़े तीन सौ अधिक यात्रियों ने बायो टॉयलेट की जानकारी ली।
बायो टॉयलेट की विशेषता
बायो टॉयलेट में खास प्रकार का बैक्टिीरिया डाला जाता है। यह बैक्टिीरिया बिना ऑक्सीजन रहता है और एक बार चार्ज करने के बाद काफी समय तक चलता है। डीआरडीओ और रेलवे ने स्टेशनों पर इस बैक्टिीरिया के उपयोग की अनुमति दी है। सियाचीन के आर्मी कैम्प में टॉयलेट को प्रोसेस करने के लिए इस बैक्टिीरिया का उपयोग होता है। प्लस चालीस डिग्री या माइनस चालीस डिग्री पर भी बैक्टिीरिया पर कोई असर नहीं होता। इससे ट्रेक के रख-रखाव और सफाई में सहयोग मिलता है। बैक्टिीरिया मल को अपघटित कर पानी में बदल देता है, जिससे पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती।
७५ कोच में 300 टैंक
सूरत स्टेशन के वॉशिंग लाइन यार्ड में रेलवे वर्कशॉप है। यांत्रिकी विभाग द्वारा कोच में बायो टॉयलेट लगाने का कार्य किया जाता है। सूरत स्टेशन के 95 कोच में बायो टॉयलेट की सुविधा है। इसके अलावा ७५ कोच में 300 बायो टॉयलेट लगाने का कार्य जारी है। एक कोच में आगे और पीछे की तरफ दो-दो बायो टॉयलेट लगाए जाते हंै।
यह है समस्या
रेल सूत्रों ने बताया कि यात्री बायो टॉयलेट में बच्चों की नैपकिन, सेनेटरी नैपकिन, कपड़े, कागज आदि फेंक देते हैं। इससे वह चॉक हो जाता है। रेल कर्मचारी मौके पर पहुंचकर चॉक बायो टॉयलेट को क्लीन नहीं कर सकता। उसे वर्कशॉप में ही ठीक किया जा सकता है। कई कोच लम्बे समय से वर्कशॉप में भेजे जा रहे हैं। रेलवे ने यात्रियों से कहा है कि वह बायो टॉयलेट में कोई सामग्री नहीं डाले। इसके लिए डस्टबीन का उपयोग करें। टॉयलेट के उपयोग के बाद फ्लैश अवश्य करें।