scriptसूरत मेडिकल कॉलेज के लिए मंजूर 336 टीचिंग स्टाफ पदों में से खाली पड़े हैं 94 | 94 out of 336 teaching staff posts approved for Surat Medical College | Patrika News

सूरत मेडिकल कॉलेज के लिए मंजूर 336 टीचिंग स्टाफ पदों में से खाली पड़े हैं 94

locationसूरतPublished: Jan 07, 2020 09:50:52 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

पेरा मेडिकल स्टाफ के भी 58 पद रिक्त, स्टाफ पर भार बढ़ा, ओपीडी-वार्ड में मरीजों को दिक्कत

सूरत मेडिकल कॉलेज के लिए मंजूर 336 टीचिंग स्टाफ पदों में से खाली पड़े हैं 94

सूरत मेडिकल कॉलेज के लिए मंजूर 336 टीचिंग स्टाफ पदों में से खाली पड़े हैं 94

सूरत.

राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों की मौत के बाद गुजरात के सरकारी अस्पतालों में भी नवजात बच्चों की मौत के आंकड़े सामने आने के बाद खलबली मची हुई है। सरकारी अस्पतालों में निजी अस्पतालों के समान सुविधाएं देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सूरत मेडिकल कॉलेज संलग्न न्यू सिविल अस्पताल में मंजूर 336 टीचिंग स्टाफ पदों में से 94 पद रिक्त पड़े हैं।
न्यू सिविल अस्पताल में रोजाना दो हजार से अधिक मरीज विभिन्न जिलों से इलाज के लिए आते हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में निजी अस्पतालों के समाम सुविधाएं देने का दावा किया जाता है, लेकिन इन दिनों सरकारी अस्पतालों में नवजातों की मौत का मामला चर्चा में है। काफी समय से सूरत मेडिकल कॉलेज संलग्न न्यू सिविल अस्पताल मेडिकल छात्रों को पढ़ाने वाले स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। मेडिकल कॉलेज के अलग-अलग विभागों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और ट्यूटरों की कमी का असर मेडिकल छात्रों पर पड़ रहा है।
मेडिकल काउंसिल ऑफि इंडिया (एमसीआइ) के निरीक्षण के दौरान दूसरे मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की नियुक्ति कर पदों को भरा हुआ दिखाया जाता है, लेकिन सूरत मेडिकल कॉलेज अध्यापकों की कमी से परेशान है। सूत्रों ने बताया कि सूरत मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार द्वारा 336 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और ट्यूटरों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है, लेकिन सिर्फ 242 डॉक्टर ही नियुक्त हैं। 94 पद रिक्त हैं।
सूरत गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले डॉक्टरों की कमी से विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर अभिभावक भी चिंतिंत हैं। कॉलेज और अस्पताल प्रशासन द्वारा रिक्त पदों को भरने के लिए सकारात्मक प्रयास नहीं किए जाते। राज्य स्वास्थ्य विभाग भी रिक्त पदों के प्रति उदासीन है।

किस विभाग में कितने पद खाली

न्यू सिविल अस्पताल में सबसे अधिक मरीज मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग में आते हैं। सर्जरी और गायनेक विभाग में भी मरीजों की भीड़ रहती है। न्यू सिविल अस्पताल में 94 रिक्त पदों के कारण ओपीडी तथा वार्ड में मरीजों के इलाज तथा सार-संभाल में भी दिक्कतें आती हैं। सूत्रों ने बताया कि मेडिसिन विभाग में सबसे अधिक 10, रेडियोलॉजी विभाग में 9, एनेस्थेसिया विभाग में 7, सर्जरी विभाग में 5, गायनेक विभाग में 4, मानसिक रोग में 4, ऑर्थोपेडिक में 3, पिड्याट्रिक विभाग में 2, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में 2 डॉक्टरों समेत 94 डॉक्टरों के पद रिक्त हैं।

बिल्डिंग पर करोड़ों खर्च, स्टाफ की भर्ती नहीं

न्यू सिविल अस्पताल परिसर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। स्टेमसेल के नाम से शुरू हुए प्रोजेक्ट को भी पूरे हुए काफी साल बीत गए हैं। इन दोनों बिल्डिंगों को तैयार करने में राज्य तथा केन्द्र सरकार के करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं, लेकिन आधुनिक संसाधन तथा स्टाफ की भर्ती के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। बिल्डिंग तैयार होने के बावजूद दो-तीन साल से इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। न्यू सिविल अस्पताल में पेरा मेडिकल स्टाफ की भी कमी हैं। लेबोरेटरी, सायकेट्रिक सोशल, इसीजी टेक्निशियन समेत दूसरे कार्य के लिए १५१ पद मंजूर हैं, लेकिन सिर्फ ९३ कर्मचारी कार्यरत हैं। पेरा मेडिकल स्टाफ में ५८ कर्मचारियों की कमी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो