पांडेसरा गोवालकर रोड पर हरिदर्शन सोसायटी निवासी अंतेश उर्फ दादू फूलचंद श्रीवास (21) पर अपनी भाभी की हत्या का आरोप था। आरोप के मुताबिक वह भाभी शकुंतला से एकतरफा प्रेम करता था। वह उस पर अपने साथ भाग जाने के लिए दबाव बनाता था। 9 फरवरी, 2016 की दोपहर अंतेश ने फिर शकुंतला पर भाग जाने के लिए दबाव बनाया। शकुंतला ने इनकार किया तो उसने उसके साथ मारपीट की और मिट्टी का तेल उंडेल कर आग लगा दी। गंभीर हालत में शकुंतला को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसने मौत से पहले अपने बयान में कहा था कि देवर अंतेश उससे एकतरफा प्रेम करता था और साथ भागने के लिए कहता था। इनकार करने पर उसने उसे जला दिया। शकुंतला की मौत के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अंतेश को गिरफ्तार कर लिया था। चार्जशीट पेश होने के बाद मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान सहायक लोकअभियोजक रिंकू पारेख आरोपों को साबित करने में सफल रहीं। हालांकि सुनवाई के दौरान इस मामले का शिकायतकर्ता और मृतका का पति सत्यनारायण अपने बयान से मुकर गया, लेकिन कोर्ट ने मृतका के मौत से पहले के बयान और अन्य सबूतों के आधार पर अभियुक्त को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।