राजू सिंह (35) नाम का युवक मंगलवार सुबह न्यू सिविल अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में मेडिकल ऑफिसर डॉ. उमेश चौधरी के पास पहुंचा और किडनी बेचने की बात कही। उसने बताया कि परिवार को पैसा भेजना जरूरी है। सभी परिजन बिहार में गांव में रहते हैं। क्या यहां कोई मेरी किडनी खरीद लेगा? यह सुनकर मेडिकल ऑफिसर स्तब्ध रह गए। उन्होंने राजू सिंह से बातचीत कर उसके परिवार की जानकारी ली।
वह पांडेसरा क्षेत्र में रहता है और डाइंग मिल में नौकरी करता है। आर्थिक तंगी के कारण वह अपने परिवार पैसे नहीं भेज पा रहा है। परिवार के भरण-पोषण के लिए वह किडनी बेचने के लिए तैयार है। उसकी व्यथा सुनकर चिकित्सक ने उसे कड़ी मेहनत के साथ कार्य करने की सलाह दी। उसे अंग बेचने के बारे में कानून की जानकारी देकर घर भेज दिया गया।