यह छात्रा ने फूलों का एक बुके तैयार किया, जो बुके में उसने चिडिय़ा का घोसला भी शामिल किया। यह यूनिक बुके के बारे में जीया देसाई बताया कि हम सामान्य तौर पर एक दूसरे को मिलने के दौरान बुके की भेंट देते है। यह बुके के फूलों के मुरझाने के बाद में कूड़े में चले जाते हैं, लेकिन यह बुके में चिडिय़ा का घोसला होने के कारण हमारे घर की खिड़कियों में या बाल्कनी में रख सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि आज शहरों में से चिडिय़ां चिंताजनक रूप से अदृश्य हो रही है। ऐसी अवस्था में इस तरह के आईडियाज पर कार्य किया जाए तो सामाजिक रीत रिवाजों के साथ पर्यावरण सुरक्षा को भी प्राध्यान्य दिया जा सकता है। जे. एच. अंबानी स्कूल की छात्रा की कृति में क्लिन इन्डिया ग्रीन इन्डिया का मैसेज भी मिलता है।