-मंदिर व घरों में रखे अक्षय कलश अक्षय तृतीया के मौके पर मंगलवार को कई श्रद्धालु महिलाओं ने आसपास स्थित मंदिर व घर के अलावा अन्य कई स्थलों पर अक्षय पात्र के रूप में जल से भरे कलश रखे। ऋतु परिवर्तन की शुरुआत होने पर सूरत समेत दक्षिण गुजरात के किसान खेतों में नई फसल की तैयारी में मंगलवार से सक्रिय हो गए। इसके अलावा तापी नदी किनारे समेत मंदिरों के पास दान-पुण्य के आयोजन भी इस मौके पर किए गए।
-वाहन और आभुषणों की भी खरीदारी अबूझ सावे आखा तीज के अवसर पर मंगलवार को लोगों ने नए वाहन, आभुषण समेत अन्य कई आवश्यक सामग्री की खरीदारी भी की है। अक्षय तृतीया के मौके शहर के विभिन्न क्षेत्र स्थित बाजार व ज्वेलर्स प्रतिष्ठान में आभुषणों की खरीदारी के लिए लोग पहुंचे। वहीं, पहले से बुक वाहनों की डिलीवरी लेने भी लोग कार-बाइक शोरुम पर पहुंचे। वाहनों की पूजा के लिए मंदिरों के बाहर भी लोग दिखाई दिए।
-वर्षीतप का किया पारणा जैन धर्म में अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व है और भगवान आदिनाथ व उनके पौत्र राजा श्रेयांसकुमार से जुड़े 108 ईक्षुरस कलश से भगवान के पारणे की परम्परा का निर्वाह मंगलवार को स्थानकवासी, तेरापंथी व श्वेताम्बर मूर्तिपूजक खरतरगच्छ संघ में शहर में कई स्थानों पर वर्षीतप के पारणे कराए गए। बुधवार को श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपागच्छ जैन संघ में वर्षीतप के पारणे कराए जाएंगे।