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AASHADH NAVRATRI PARV: गूंजने लगे मंत्र, यज्ञवेदी में आहुतियां

locationसूरतPublished: Jul 11, 2021 09:03:59 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

गुप्त नवरात्र पर्व के दौरान शतचंडी महायज्ञ के अलावा अन्य कई धार्मिक अनुष्ठान के होने लगे हैं आयोजन

AASHADH NAVRATRI PARV: गूंजने लगे मंत्र, यज्ञवेदी में आहुतियां

AASHADH NAVRATRI PARV: गूंजने लगे मंत्र, यज्ञवेदी में आहुतियां

सूरत. साधु-संत, योगी-हठी की विशेष प्रिय आषाढ़ गुप्त नवरात्र पर्व की शुरुआत रविवार को रविपुष्य नक्षत्र के बीच हो गई। पर्व में मातारानी गज पर सवार होकर आई है और पर्व के पहले ही दिन आद्र्रा नक्षत्र में रविपुष्य व सर्वार्थसिद्धि योग के बीच मां भगवती की विशेष नौ दिवसीय आराधना प्रारम्भ की गई है।
वर्ष 2021 के पहले और अंतिम रविपुष्य योग समेत अन्य कई शुभ संयोग में गुप्त नवरात्र पर्व की शुरुआत आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा रविवार से की गई है। इस दौरान शहर के उधना मुख्य मार्ग स्थित दक्षिणाभिमुखी श्री शनि-हनुमान मंदिर, आश्रम समेत अन्य कई मंदिर, मठ व आश्रम परिसर में साधु-संतों के सानिध्य में गुप्त नवरात्र पर्व पर माता की विशेष आराधना प्रारम्भ की गई है। इस संबंध में दक्षिणाभिमुखी श्री शनि-हनुमान मंदिर, आश्रम के महंत स्वामी विजयानंद महाराज ने बताया कि गुप्त नवरात्र पर्व की शुरुआत आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा रविवार को आश्रम परिसर में कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक विधिविधान से की गई और इस मौके पर आश्रम में मां भगवती की आराधना में शतचंडी महायज्ञ, बगलामुखी महाविद्या अनुष्ठान, श्रीरामचरितमानस पाठ आदि के आयोजन प्रारम्भ किए गए है।
-रविपुष्य का बना संयोग

आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा रविवार को वर्ष 2021 का पहला और आखिरी रविपुष्य नक्षत्र का सुखद संयोग भी बना है। रवि पुष्य नक्षत्र पुण्य प्रदानकारी, नए कार्य के शुभारम्भ और समृद्धि दायक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को आठवां नक्षत्र माना गया है और यह नक्षत्र जब गुरुवार और रविवार के दिन होता है तो महायोग बनता है। रविपुष्य योग रविवार को 9 घंटे की अवधि तक रहा।

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