-रविपुष्य का बना संयोग आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा रविवार को वर्ष 2021 का पहला और आखिरी रविपुष्य नक्षत्र का सुखद संयोग भी बना है। रवि पुष्य नक्षत्र पुण्य प्रदानकारी, नए कार्य के शुभारम्भ और समृद्धि दायक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को आठवां नक्षत्र माना गया है और यह नक्षत्र जब गुरुवार और रविवार के दिन होता है तो महायोग बनता है। रविपुष्य योग रविवार को 9 घंटे की अवधि तक रहा।