शताब्दी एक्सप्रेस वास्तविक संरचना के साथ चलेगी
सूरत. पश्चिम रेलवे मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस को 17 जुलाई से अपनी वास्तविक संरचना के साथ चलाएगा। पिछले कुछ दिनों से थर्ड एसी के कोचों को शताब्दी एक्सप्रेस के तौर पर चलाया जा रहा था। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही थी।
पश्चिम रेलवे ने 17 जुलाई से ट्रेन सं. 12009/12010 मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस को अपनी वास्तविक संरचना के साथ चलाने का निर्णय किया है। 9 और 10 जुलाई को मुम्बई में हुई भारी बारिश के कारण रेलवे को काफी नुकसान हुआ था। लगातार दो दिन ट्रेनों को जहां-तहां रोक कर चलाया गया। इस दौरान जलभराव के कारण् शताब्दी एक्सप्रेस के कोच के पुरानी रैक को काफी नुकसान हुआ था। पश्चिम रेलवे ने प्रोजेक्ट स्वर्ण के अंतर्गत अपग्रेड की गई ट्रेन सं. 12009/12010 मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस फिर से पटरी पर उतारने का निर्णय किया है। इसलिए इस ट्रेन का स्पेशल रैक अस्थायी तौर पर चलाने की योजना बनाई गई थी। अब यह ट्रेन अपनी वास्तविक संरचना यानी एक्जीक्यूटिव श्रेणी के वातानुकूलित चेयरकार के 3 डिब्बे, वातानुकूलित चेयरकार के 14 डिब्बे तथा एक अनुभूति कोच के साथ चलाई जाएगी।
सूरत. पश्चिम रेलवे मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस को 17 जुलाई से अपनी वास्तविक संरचना के साथ चलाएगा। पिछले कुछ दिनों से थर्ड एसी के कोचों को शताब्दी एक्सप्रेस के तौर पर चलाया जा रहा था। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही थी।
पश्चिम रेलवे ने 17 जुलाई से ट्रेन सं. 12009/12010 मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस को अपनी वास्तविक संरचना के साथ चलाने का निर्णय किया है। 9 और 10 जुलाई को मुम्बई में हुई भारी बारिश के कारण रेलवे को काफी नुकसान हुआ था। लगातार दो दिन ट्रेनों को जहां-तहां रोक कर चलाया गया। इस दौरान जलभराव के कारण् शताब्दी एक्सप्रेस के कोच के पुरानी रैक को काफी नुकसान हुआ था। पश्चिम रेलवे ने प्रोजेक्ट स्वर्ण के अंतर्गत अपग्रेड की गई ट्रेन सं. 12009/12010 मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस फिर से पटरी पर उतारने का निर्णय किया है। इसलिए इस ट्रेन का स्पेशल रैक अस्थायी तौर पर चलाने की योजना बनाई गई थी। अब यह ट्रेन अपनी वास्तविक संरचना यानी एक्जीक्यूटिव श्रेणी के वातानुकूलित चेयरकार के 3 डिब्बे, वातानुकूलित चेयरकार के 14 डिब्बे तथा एक अनुभूति कोच के साथ चलाई जाएगी।