अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस में 8 अगस्त को वीआइपी कोटे से सीट कन्फर्म करवा कर यात्रा करने वाले दो यात्रियों को सूरत रेलवे सुरक्षा बल ने पकड़ा था। दोनों यात्रियों की सूचना नई दिल्ली के रेलवे बोर्ड से मुम्बई रेल मंडल में रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एस.आर. गांधी को दी गई थी। बाद में सूरत स्टेशन के सहायक सुरक्षा आयुक्त राकेश पांडेय, निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव, अपराध शाखा निरीक्षक अरुण कुमार सिंह ने यात्री अशोक कुमार यादव और मोहम्मद इल्यास को पकड़ा था।
उन्होंने इ-टिकट एजेंट गणेश झरी यादव से प्रति टिकट 1500 रुपए देकर कन्फर्म करवाने की जानकारी दी थी। रेलवे सुरक्षा बल ने लिम्बायत गोडादरा देवध रोड मथुरानगर-3 कृष्णा कृपा सोसायटी निवासी गणेश झरी यादव (30) को गिरफ्तार किया। गणेश ने राजेन्द्र और अमर के नाम बताए, जिनसे वह टिकट कन्फर्म करवाता था। सूरत रेलवे सुरक्षा बल की दो टीमें बिहार और झारखंड गई थीं, लेकिन खाली हाथ लौट आई थीं। इस मामले में फरार आरोपी अमर कुमार रामबाबू चौधरी (35) 29 अगस्त को सूरत रेलवे सुरक्षा बल थाने में हाजिर हो गया था।
दूसरा आरोपी राजेन्द्र बेगो महतो (27) भी सूरत रेलवे सुरक्षा बल थाने में हाजिर हो गया। जांच अधिकारी ईश्वर सिंह यादव ने बताया कि आरपीएफ अपराध शाखा निरीक्षक अरुण कुमार सिंह झारखंड गिरीडीह क्षेत्र में रहने वाले राजेन्द्र के घर समन देकर आए थे। गांव के सरपंच तथा स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। दूसरी तरफ जांच के लिए सूरत आरपीएफ निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव दिल्ली गए थे। वह सूरत लौट आए हैं। रेलवे सुरक्षा बल अब तक मंत्री या सांसद के नाम बताने से कतरा रहा है। यादव ने वीआइपी कोटे के लिए मंत्री या सांसद के लेटरपेड के इस्तेमाल की जांच के लिए स्थानीय पुलिस को कहा है।
खुल सकते हैं और आरोपियों के नाम इस मामले में बिहार के सांसद का नाम सामने आ रहा है। दिल्ली में उपयोग में लिए गए लेटरपेड की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। सूत्रों ने बताया कि सूरत का इ-टिकट एजेंट गणेश बिहार और झारखंड निवासी राजेन्द्र तथा अमर के भरोसे वीआइपी कोटे में सीट कन्फर्म करवाता था। इन दोनों आरोपियों के पकड़े जाने के बाद इस मामले में लिप्त दूसरे आरोपियों के नाम सामने आने की संभावना है। मामला हाइ प्रोफाइल होने के कारण सूरत रेलवे सुरक्षा बल फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।
वीआइपी कोटे से सीट कन्फर्म करवाने वाले दोनों मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं। इनसे पूछताछ में दूसरे आरोपियों के नाम खुलने की संभावना है। राकेश पांडेय, सहायक सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल, सूरत