आचार्य महाश्रमण की अहिंसा, संयम, साधना अद्वितीय : मुनि कमलकुमार
सूरतPublished: May 18, 2019 01:18:12 pm
-तेरापंथ युवक परिषद ने 46वां दीक्षा दिवस ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाया
आचार्य महाश्रमण की अहिंसा, संयम, साधना अद्वितीय : मुनि कमलकुमार
सूरत. तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण का 46वां दीक्षा दिवस तेरापंथ युवक परिषद की सूरत, उधना, लिंबायत एवं पर्वत पाटिया शाखाओं द्वारा संयुक्त रूप से ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाया गया। आचार्य महाश्रमण के शिष्य मुनि कमलकुमार के सानिध्य में तेरापंथ भवन, सिटीलाइट में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रैली का आयोजन भी किया गया। रैली को पार्षद सुधा नाहटा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
तेरापंथ युवक परिषद, सूरत के अध्यक्ष संजय भंसाली ने रैली का मार्गदर्शन किया। रैली वीआइपी रोड के श्यामबाबा मंदिर से शुरू होकर न्यू सिटीलाइट रोड होते हुए तेरापंथ भवन, सिटी लाइट पहुंची और धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। धर्मसभा को संबोधित करते हुए तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार ने कहा कि महाश्रमण कलयुग में भी सतयुग की सौरभ फैलाने वाले संत हैं। भौतिक युग में भी वह प्रखर संयम की अनुपालना कर रहे हैं। जन-जन में आध्यात्मिक चेतना का जागरण करने के लिए वह चिलचिलाती धूप या कडक़ड़ाती ठंड की परवाह किए बिना कोलकाता से कन्याकुमारी तक निरंतर पदयात्रा कर रहे हैं और बैंगलूरू चातुर्मास के लिए प्रवासरत हैं। उनकी अहिंसा, साधना, संयम, अनुशासन, सब कुछ अद्वितीय है। ऐसे महान गुरु के प्रति श्रावक समुदाय की प्रगाढ़ आस्था सोने में सुहागा है। यह आस्था विकास का नया मार्ग प्रशस्त करेगी।