खुलेआम लूटते हैं प्राइवेट कॉलेज
लाखों की फीस के बावजूद स्वनिर्भर कॉलेज विद्यार्थियों को खुलेआम लूटते हैं। विद्यार्थियों से फीस के अलावा भी कई प्रकार की वसूली की जाती है। प्रमाण पत्र जमा करवा लिए जाते हैं। प्रमाण पत्र वापस मांगने पर लाखों रुपए की फीस भरवाई जाती है। फीस नहीं भरने पर प्रमाण पत्र नहीं दिए जाते। फीस के अलावा ऐसे कॉलेज तगड़ा डोनेशन भी लेते हैं। स्वनिर्भर कॉलेजों पर किसी तरह की लगाम नहीं होने के कारण एक बार प्रवेश करने वाला विद्यार्थी किसी न किसी मद में पैसा खर्च करता रहता है। एक क्लास से ही कॉलेज करोड़ों रुपए कमा लेते हैं।
फिर भी नहीं मिलता रोजगार
इंजीनियङ्क्षरग में लाखों रुपए की फीस भरकर डिग्री हासिल करना भी रोजगार की गारंटी नहीं है। राज्य में इंजीनियङ्क्षरग विद्यार्थियों के लिए रोजगार नहीं ज्यादा हैं। इंजीनियङ्क्षरग के बाद विद्यार्थियों को रोजगार के लिए अन्य राज्यों में जाना पड़ रहा है। जो बाहर नहीं जाना चाहते, वह व्यापार करने लगते हैं।
गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने राज्य के इंजीनियङ्क्षरग और पैरा मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राज्य में 26 अप्रेल को गुजकेट आयोजित की थी। पहले गुजकेट बिना प्रवेश असंभव था, लेकिन इंजीनियङ्क्षरग में सीटें रिक्त रह जाने के कारण बिना गुजकेट वालों को भी प्रवेश दे दिया जाता है। गुजकेट के ए ग्रुप में राज्यभर से 56,963 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था। राज्य में सरकारी, अनुदानित, निजी, पीपीपी और ऑटोनोमस कॉलेजों की संख्या 137 है। इनमें 61,357 प्रोविजनल सीटें हैं। इस साल 12वीं विज्ञान वर्ग के ए ग्रुप में सिर्फ 38,948 विद्यार्थी पास हो पाए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले कम हैं। भले 56 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने गुजकेट दी हो, 12वीं विज्ञान में पास हुए विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए इंजीनियिंरग में 30 हजार से अधिक सीटें रिक्त रहने के आसार नजर आ रहे हैं।
राज्य के किस कॉलेज में कितनी सीटें, कितनी फीस
कॉलेज संख्या सीटें फीस (रुपए में)
सरकारी कॉलेज 16 8,970 1,500 (छात्राओं को नि:शुल्क)
अनुदानित कॉलेज 04 1,294 1,500 (छात्राओं को नि:शुल्क)
ऑटोनोमस कॉलेज 01 180 1,45,000
पीपीपी कॉलेज 02 600 40,000-68000
स्वनिर्भर कॉलेज (जीटीयू) 86 36,542 45,000-1,65,000
प्राइवेट यूनिवर्सिटी कॉलेज 28 13,771 63,000-1,73,000 रुपए
कुल १३7 ६१,३५७ –