इनमें जन-धन खातों के साथ-साथ व्यापारिक खाते भी शामिल हैं। इससे पूर्व बोर्ड ने एक दर्जन खातों की सूची आयकर विभाग को सौंपी थी, जिसके बाद आयकर विभाग ने संबंधित खाता-धारकों को नोटिस थमाने की कार्रवाई की थी।
सूत्रों की मानें तो जिन खाता-धारकों को पूर्व में नोटिस देने की कार्रवाई की गई थी। उनमें से पांच-छह खाता-धारकों ने ही विभाग को अपना स्पष्टीकरण सौंपा है। शेष खाता-धारकों को दोबारा नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।
कैमरों की हो सकती है जांच नोटबंदी के बाद अस्पताल, पेट्रोल पम्प, नगर निगम, परिवहन विभाग, गैस एजेन्सी आदि जरूरी महकमों में पुराने पांच सौ रुपए और एक हजार रुपए के नोट लिए जा रहे थे। अब इन महकमों की ओर से भारी मात्रा में रुपए जमा करवाने की कार्रवाई बैंकों में करवाई जा रही है।
आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो इस प्रक्रिया में कहीं गड़बड़ी तो नहीं हुई, इस बात की जानकारी जुटाने के लिए यहां लगे कैमरों की जांच आवश्यकता पडऩे पर की जाएगी। इतना ही नहीं नोटबंदी के बाद जिन स्वर्ण कारोबारियों ने करोड़ों रुपए के गहनों का विक्रय एक ही रात में कर डाला था। उनके बैंक खातों की जांच भी हो सकती है। इसके साथ ही उनके प्रतिष्ठानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा सकता है।