प्राथमिकी में २१ वर्षीय पीडि़ता ने अपने पिता की उम्र के जयंती भानुशाली पर आरोप लगाया कि जब वह सूरत में होती थी तो वह अक्सर उसे मोबाइल पर वीडियो कॉल कर कपड़े उतारने के लिए कहता था। ऐसा नहीं करने पर बलात्कार करने के दौरान बनाया गया उसका अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देता था। उसने कई बार वीडियो कॉलिंग कर कपड़े उतरवाए तथा अहमदाबाद में अलग-अलग स्थानों पर बुला कर यौन शोषण किया। इस काम में जंयती के ड्राइवर, गनमैन और मामले को वापस लेने के लिए कागज पर हस्ताक्षर करवाने वाले व्यक्ति ने भी उसका साथ दिया था। पुलिस का कहना है कि एफआइआर में उल्लेखित सह अभियुक्तों की पुख्ता पहचान नहीं हो पाई है। शुक्रवार दोपहर पीडि़ता का स्मीमेर अस्पताल में मेडिकल चैैक अप करवाया गया।
मामले से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए जा रहे हंै। एफआइआर में बताए गए अहमदाबाद के घटनास्थलों पर भी पंचनामे के कार्रवाई की जायेगी। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर मुख्य अभियुक्त जयंती भानुशाली की गिरफ्तारी की जाएगी। गौरतलब है कि सूरत की युवती ने एक सप्ताह पहले वराछा थाना प्रभारी के नाम शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत दी थी। इसमें भानुशाली पर फैशन डिजाइनिंग कॉलेज में प्रवेश दिलवाने के बहाने उसे अहमदाबाद बुला कर बलात्कार करने और उसका अश्लील वीडियो बना कर लगातार एक साल तक उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया। शिकायत के मुताबिक मना करने पर भानुशाली ने अपने सहयोगी की मदद से डरा-धमका कर एक कागज पर यह भी लिखवाया कि वह उसे नहीं जानती है। लिखित शिकायत के बाद पीडि़ता का परिवार अपना मकान किराए पर देकर गायब हो गया था।
गुरुवार को नाटकीय ढंग से पीडि़ता कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंची थी। वहां से उसे क्राइम ब्रांच ले जाया गया और घंटों पूछताछ के बाद शाम को सरथाणा थाने में भानुशाली तथा उसके सहयोगियों के खिलाफ आइपीसी, आम्र्स एक्ट और आइटी एक्ट की १४ अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।