बता दें कि संस्था के बोर्ड मेंबर्स की मीटिंग और सूरत कपड़ा बाजार के अधिकांश व्यापारियों ने ग्रे, वीवर्स, मिलों के प्रोसेस चार्ज और पैकिंग मैटेरियल में हुई मूल्यवृद्धि के बाद तैयार कपड़े का मूल्य बढ़ाने के लिए एसजीटीटीए के पदाधिकारियों से उचित मार्गदर्शन और ठोस कदम उठाने की मांग की गई थी।
संस्था द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कपड़ा उत्पादन के सभी सेक्टर द्वारा की गई चौतरफा दाम वृद्धि से ट्रेडर्स के लिए अपना कारोबार बचाना मुश्किल हो गया है। ऐसी विषम परिस्थितियों में टेक्सटाइल क्षेत्र को तर्कसंगत और सर्व स्वीकार्य मार्गदर्शन की आवश्यकता थी।
व्यापार को संकट से उबारने के लिए अंतत: बिना समय गंवाए एसजीटीटीए के पदाधिकारियों ने कठिन मार्ग को अपनाते हुए व्यापारियों की जरूरत और मांग के अनुरूप प्रोडक्ट की क्वालिटी के हिसाब से बढोत्तरी करने का निर्णय किया है।
सभी व्यापारियों से निर्णय पर अमल में सहयोग की अपील की है। अक्टूबर माह में प्रोसेस चार्ज में 2 से 3 रुपए, यार्न के रेट में 2 से 6 रुपए, पैकिंग मटेरियल में 10 से 15 फीसदी की मूल्यवृद्धि के बाद भी यह सिलसिला थमा नहीं है।
यही नहीं जरी, स्टोन, धागा और विस्कोस के भाव में तेजी भी आसमान छू रहे है। वैल्यू एडीशन के रेट भी दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। इन परिस्थितियों में तैयार माल की मूल्यवृद्धि के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।
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