इसमें व्यापारी ने बताए नाम, व्यवसाय का प्रकार सहित अन्य जानकारी भी जांच करते हैं। इस तरह की जांच का यह दूसरा चरण है। पहले चरण में अक्टूबर-18 के पहले रजिस्ट्रेशन लेने वाले व्यापारियों की जांच की गई थी। 5 फरवरी से शुरू की गई जांच के दूसरे चरण में अक्टूबर के बाद जिन व्यापारियों ने जीएसटी का रजिस्ट्रेशन लिया है, उनकी जांच की जा रही है।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों बोर्ड के समक्ष ऐसे कई मामले आए थे जिसमें पता चला कि कई लोगों ने रजिस्ट्रेशन ले रखा था, लेकिन रिटर्न नहीं फाइल कर रहे थे। कुछ लोग बोगस बिलिंग आदि के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे। पिछले दिनों सूरत में 650 करोड़ रुपए के तथा वड़ोदरा में 580 करोड़ रुपए के बोगस बिलिंग के मामले का पर्दाफाश हुआ है।