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जीएसटी के बाद डॉलर और क्रूड ऑयल के भावों की गरमी से हालत और पतली

locationसूरतPublished: Jul 02, 2018 09:02:56 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

कपड़ा उद्योग के तमाम घटकों पर मंदी का असर, करोड़ों का टैक्स क्रेडिट अटकने से भी परेशानी बढ़ी

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जीएसटी के बाद डॉलर और क्रूड ऑयल के भावों की गरमी से हालत और पतली

सूरत.

कपड़ा बाजार में मंदी, जीएसटी के इनवर्टेड टैक्स सिस्टम और डॉलर की बढ़ती कीमत के कारण यार्न उत्पादकों का संघर्ष बढ़ गया है। जीएसटी लागू होने के बाद यार्न उत्पादकों के लिए आए दिन नए संघर्ष के हालात बन रहे हैं। यार्न का व्यापार पहले की अपेक्षा घट जाने से यार्न उत्पादकों को उत्पादन में 25 प्रतिशत तक कमी करनी पड़ी है।
यार्न उत्पादकों का कहना है कि पिछले एक साल से कपड़ा व्यापार में कमी आई है। इसका असर कपड़ा व्यापार से जुड़े तमाम घटकों पर पड़ रहा है। कपड़ों की बिक्री कम होने के कारण यार्न की बिक्री भी घटी है। कपड़ा व्यापारियों को अन्य राज्यों से समय पर पेमेंट नहीं मिलने के कारण वह यार्न व्यवसायियों को पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। यार्न व्यापार आर्थिक संकट में फंसता जा रहा है। यार्न उद्यमी जीएसटी में इनवर्टेड टैक्स सिस्टम से भी परेशान हैं। उनका कहना है कि यार्न के कच्चे माल पर 18 प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ता है, लेकिन तैैयार माल पर 12 प्रतिशत जीएसटी होने के कारण शेष छह प्रतिशत क्रेडिट रह जाता है, जो सरकार वापस नहीं कर रही है। देशभर में यार्न उत्पादकों का करोड़ों रुपए का टैक्स क्रेडिट अटका पड़ा है। इससे यार्न की कीमत बढ़ रही है। इस बारे में यार्न उत्पादक एसोसिएशन ने कई बार सरकार से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
रही-सही कसर डॉलर की बढ़ती कीमतों ने पूरी कर दी। डॉलर की बढ़ती कीमत के कारण यार्न के कच्चे माल एमइजी और पीटीए की कीमत में लगातार उछाल आ रहा है। दूसरी ओर यार्न की मांग कमजोर होने के कारण यार्न उत्पादकों के लिए वीवर्स के मुताबिक कीमत पर यार्न बेचना मुश्किल हो रहा है। कई यार्न उत्पादकों ने यार्न का उत्पादन 20-25 प्रतिशत घटा दिया है।
समस्या बढ़ गई
कपड़ा बाजार में मंदी और डॉलर की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण यार्न उद्यमियों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। बाजार में मंदी के कारण यार्न की बिक्री प्रभावित हो रही है। इसके अलावा बाजार में आर्थिक संकट का माहौल खड़़ा हो गया है। इनवर्टेड टैक्स सिस्टम पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।
अजय अग्रवाल, यार्न उद्यमी
डॉलर ने भी खेल बिगाड़ा
पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल और डॉलर की बढ़ती कीमतों के कारण यार्न की कीमत बढ़ रही है, लेकिन यहां बाजार में मंदी के कारण उत्पादक कीमत नहीं बढ़ा पा रहे हैं। लूम्स कारखाने बंद होने से व्यापार घट गया है। नायलॉन यार्न पर एंटी डम्पिंग ड्यूटी हटा देने से और दिक्कत हो रही है।
कनिष्क कानूनगो, यार्न उद्यमी
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