जलस्तर बढ़ा तो खोलने पड़े मधुबन डेम के सभी दरवाजे
सिलवासा में बारिश, डेम प्रशासन ने बांध से छोड़ा दो लाख क्यूसेक पानी, दमण गंगा नदी खतरे के निशान पर
सूरत
Updated: July 12, 2022 12:47:15 am
सिलवासा. रविवार रात को मधुबन डेम में अचानक जलस्तर बढऩे से सवेरे 7 बजे सभी दरवाजे 4 मीटर की ऊंचाई तक खोल दिए हैं। डेम से सवेरे डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बाद में इसे बढ़ाकर दो लाख क्यूसेक कर दिया गया। दमण गंगा नदी में डिस्चार्ज बढऩे से कराड़, रखोली, कुड़ाचा, सामरवरणी, मसाट, आमली, अथाल, पिपरिया, पाटी, चिचपाड़ा, वासोणा, दपाड़ा, तीघरा, वागधरा, लवाछा में नदी खतरे के निशान पर बह रही है। भुरकुड फलिया, इन्दिरा नगर, बाविसा फलिया में जलभराव से लोगों को शामत आ गई है।
अब तक शहर में 1000 एमएम तथा खानवेल में 750 एमएम बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। सोमवार को दिनभर थम थमकर मूसलाधार बारिश होती रही। अनवरत बारिश के कारण सर्वत्र पानी पानी हो गया है। हवाओं के साथ बारिश होने से कई जगह पेड़ भी गिर गए। बालदेवी कुआं फलिया में एक पेड़ उखड़ गया, जिसे आपदा टीम ने पहुंचकर काटकर हटाया। महाराष्ट्र के सीमावर्ती दुधनी, कौंचा, सिंदोनी, मांदोनी, खेरड़ी में भारी बारिश से साकरतोड़ नदी भी उफान पर रही है। विस्तार के मैदानी खेत तालाब बन गए हैं। घरों की छत से पानी टपक रहा हैं। खानवेल से मांदोनी, सिंदोनी तथा दुधनी, कौंचा तक गांवों में लोग कच्चे घरों में निवास करते हैं। कई खेतों में धान की फसल को नुकसान हुआ है। एक सप्ताह से लोगों को सूर्यदेव का दर्शन दुर्लभ हो गया है। नदी की तराई वाली बस्तियों में जलभराव से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। घरों में पानी के कारण ह्यडेंगू, पीलिया, टाइफाइड, चर्म जैसे मौसमी रोगों का भय मंडराने लगा है। अथाल में दमण गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल से ऊपर (30 मीटर ऊँचाई) पहुंच गया है। नदी किनारे स्वामीनारायण मंदिर की ओर बने श्मशान घाट में पानी घुस गया है। रिवर फ्रंट पानी में डूबने से वहां लोगों के जाने पर रोक लगा दी है। नरोली और सिलवासा को जोडऩे वाला अथाल का पुराना पुल बंद कर दिया है।

जलस्तर बढ़ा तो मधुबन डेम के सभी दरवाजे खोले
बारिश में बदहाल है रेलवे आरक्षण केंद्र
सिलवासा. बरसात में रेलवे आरक्षण केन्द्र पर टिकटार्थियों को सिर ढकने के लिए छत नहीं है। दीपावली के बाद नवम्बर में होने वाले विवाह-शादी में शामिल होने के लिए लोग 4 माह पूर्व टिकट बुकिंग कराने आ रहे हैं। रोजाना लाखों की आमदनी के बावजूद आरक्षण केन्द्र भवन के सुधार का कोई प्रयास नहीं हो रहा है।
आरक्षण केन्द्र पर दो खिड़कियां हैं, लेकिन टिकट के लिए आने वालों के लिए कोई सुविधा नहीं है। यात्रियों के लिए एक छोटा सा बरामदा है, जिसमें मुश्किल से 10-12 लोग ही खड़े रह सकते हैं। भारी बारिश के दौरान बरामदे में खड़े लोग भी भीग जाते हैं। मरम्मत नहीं होने से बुकिंग भवन के अंदर भी पानी रिसने लगा है।
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
