पुलिस के मुताबिक कामरेज तलाव फलिया निवासी आरोपी वीरम कुमार भुवा कोरोना काल में हुई करोड़ों रुपए की ठगी के रैकेट में मुख्य आरोपी लसकाणा निवासी केतुल परमार के साथ शामिल था। दिसम्बर 2020 में ट्रेवेल एजेन्ट आरोपी केतुल ने ठगी की साजिश रची थी और अन्य आरोपियों को अपने साथ मिलाया था।
केतुल ने झगडिया में एक भूतिया सोलर कंपनी के नाम से फर्जी कॉन्ट्रेक्ट बनाया। फिर उसे विभिन्न ट्रेवेल एजेन्टों व अन्य लोगों को दिखा कर कहा कि उनसे बड़ा कॉन्ट्रेक्ट मिला है। कंपनी को बड़ी संख्या में वाहनों की जरूरत है। वाहन किराए पर लगाने पर 25-50 हजार रुपए की कमाई होगी।
कामरेज में कार्यालय भी खोला, फिर अपने साथियों की मदद से विभिन्न वाहन मालिकों से वाहन किराए पर लिए और कॉन्ट्रेक्ट लेटर बना कर दिए। इस तरह उन्होंने सूरत ही नहीं गुजरात और महाराष्ट्र में विभिन्न लोगों से करीब 264 कारें किराए पर लीं। शुरू में एक-दो महीने उनके बैंक खातों में किराए का भुगतान किया।
इस बीच अपने साथियों के साथ मिलकर वाहन अलग-अलग जगहों पर बेच दिए। अप्रेल 2021 में जब इस साजिश का भांडा फूटा तो पीडि़तों ने शिकायत दर्ज करवाई। शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर के आदेश पर ईको क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने अलग-अलग टीमें बना कर गुजरात और महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों से करीब 254 कारें बरामद की थीं। फिर इस मामले के मुख्य केतुल समेत आठ जनों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद लंबे समय से फरार चल रहे वीरम के बारे में मुखबिर से सूचना मिलने पर कामरेज श्रीमद पान सेन्टर के पास घेर कर गिरफ्तार कर लिया।
एक कार पर प्रतिदिन 200 रुपए था कमीशन पुलिस ने बताया कि वीरम भुवा कामरेज में पान की दुकान चलाता था। केतुल ने उसे कमीशन का लालच दिया था। केतुल ने कहा था कि कार किराए पर लगवाने पर कार के मालिक को प्रतिदिन 1400 रुपए किराया और तुम्हें 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कमीशन मिलेगा।
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