शहर में लाल दरवाजा अशक्ता आश्रम अस्पताल परिसर में विनस अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. हितेश लाठिया (34) की कोरोना से आइसीयू वार्ड में बुधवार को मौत हो गई। विनस अस्पताल के एमडी फिजिशियन डॉ. प्रफुल छासटिया ने बताया कि उन्हें नौ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव आया था। इसके पहले वे अस्पताल में कोविड वार्ड में ड्यूटी करते हुए संक्रमित हो गए थे। अस्पताल में भर्ती करने के दौरान उनके शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन सामान्य था, लेकिन धीरे-धीरे उनको सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उनको सामान्य वार्ड से आइसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना वायरस ने काफी तेजी से डॉ. हितेश के फेफड़े में जगह बना ली थी। चिकित्सकों ने उन्हें टोसिलिजुमाब और रेमडेसिविर इंजेक्शन भी दिया था।
इसके बाद यूनिक अस्पताल के डॉ. दिपक विरडिया, चेस्ट फिजिशियन डॉ. समीर गामी और इकमो स्पेश्यिालिस्टि डॉ. हरेश वस्त्रपरा के द्वारा डॉ. हितेश का इकमो मशीन पर इलाज शुरू किया गया। पांच दिन इकमो मशीन पर रहने के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। इलाज के दौरान बुधवार को उनकी तबीयत गंभीर हो गई और दम तोड़ दिया। घटना के बाद अस्पताल में शोक का माहौल हो गया। विनस अस्पताल के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मचारी समेत सभी कर्मचारियों ने फ्रंट फाइटर कोरोना वरियर्स डॉ. हितेश को सलामी दी। उनके शव को तिरंगे में लपेटकर फूलों से सजाकर विदाई दी। यह जब हो रहा था तब मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ अन्य लोगों की आंखें भी नम हो गई थी।
मां भी कोरोना पॉजिटिव, भर्ती डॉ. हितेश के पास डीएचएमएस डिग्री थी। वह वराछा क्षेत्र में होमियोपैथिक क्लिनिक चलाते थे। कोरोना वायरस के लॉकडाउन के दौरान भी वह क्लिनिक में मरीजों का इलाज करते थे। निजी अस्पतालों में डॉक्टरों की जरुरत होने के कारण उन्होंने कुछ समय पहले विनस अस्पताल ज्वॉइन किया था। डॉ. हितेश के घर में पत्नी व बुजुर्ग माता-पिता है। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि मृतक डॉ. हितेश की मां कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से विनस अस्पताल में भर्ती है।
क्या है ईसीएमओ एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (ईसीएमओ) एक एडवांस तकनीक की यांत्रिक जीवन समर्थन (लाइफ सपोर्ट) मशीन है। ये शरीर से रक्त निकालता है, उसे ओक्सिजनेट करता है, उस रक्त से कार्बन डाइऑक्साइड को निकालता है, फिर शरीर में रक्त को वापस करता है, जिससे रोगी के क्षतिग्रस्त अंग या दिल की गति ठीक हो जाती है। ईसीएमओ दो प्रकार के होते हैं वेनोएक्टोरियल, जो हृदय और फेफड़ों को सपोर्ट करती है। वेनोवेनॉस, जो केवल फेफड़ों के लिए ऑक्सीकरण सपोर्ट करती है। ईसीएमओ फेफड़ों के प्रत्यारोपण सहित सर्जरी से पहले और बाद में गंभीर हृदय और श्वसन विफलता वाले रोगियों के आधुनिक मशीन है।