विशाल सावलिया नाम के युवक ने दिव्येश दरजी समेत चार अभियुक्तों के खिलाफ सीआइडी क्राइम की सूरत यूनिट में 45.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए दिव्येश दरजी, उसकी पुत्री और भांजे ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान मुख्य लोकअभियोजक नयन सुखड़वाला ने दलील पेश की कि अभियुक्तों के खिलाफ जीपीआइडी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं के तहत अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने का प्रावधान नहीं है। गंभीर अपराधिक मामले में अभियुक्तों से पुलिस हिरासत में पूछताछ जरूरी है। कोर्ट ने लोकअभियोजक की दलीलों को ध्यान में रखते हुए तीनों की याचिकाएं नामंजूर कर दीं।