कोरोना के चलते 22 मार्च 2020 से रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया था। बाद में हालात काबू में करने के लिए मई से श्रमिक स्पेशल, त्योहार और विशेष ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया। इस दौरान सभी ट्रेनों के नम्बर के आगे शून्य लगाकर विशेष ट्रेन के रूप में चलाया। लेकिन अब पश्चिम रेलवे ने 15 नवंबर से कोविड-19 के पहले वाली स्थिति बहाल करते हुए ट्रेनों को उनके पुराने नम्बरों के साथ परिचालन शुरू किया है। इसके चलते त्योहार स्पेशल और विशेष ट्रेनों के आगे से जीरो हटाकर एक व 2 जोडक़र ट्रेनें चलाई जा रही है, लेकिन सूरत रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को रेलवे परिसर में ही ट्रेन का सही नम्बर डिस्पले बोर्ड पर नहीं दिखने से परेशानी हो रही है।
यात्रियों की शिकायत है कि प्लेटफार्म पर लगे कोच इंडिकेटर में ट्रेन आने के 10-15 मिनट पर ट्रेन का नम्बर व नाम डिस्पले होने लगता है। लेकिन सूरत स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक तथा 2-3 लगे कोच इंडिकेटर में अब भी त्योहार स्पेशल और विशेष ट्रेनों के नम्बर डिस्पले हो रहे हैं। इससे कई बार यात्रियों के साथ धोखे की स्थिति हो जाती है। कोच इंडिकेटर में अन्य ट्रेन का नम्बर देखकर यात्री आराम से बैठे रहते हैं कि अचानक ट्रेन आकर प्लेटफार्म पर खड़ी हो जाती है। आसपास के लोगों से पता चलता है कि यह वही ट्रेन है, जिसमें उनकी टिकट है। इसके बाद स्थिति भगदड़ जैसी हो जाती है। सामान समेटने से लेकर ट्रेन में चढऩे तक की जुगत में यात्री के पसीने छूट जाते है। सूत्रों ने बताया कि कोच इंडिकेटर ही नहीं, एनाउंसमेंट में भी अब भी ट्रेनों के पुराने नम्बर से ही यात्रियों को जानकारी सुनाई जाती है। टिकट निरीक्षक ऑफिस में कई बार यात्रियों ने इसकी शिकायत भी की है।
पूछताछ खिडक़ी पर भीड़ से और परेशानी। दीपावली अवकाश का सीजन अब लगभग पूरा हो गया है, लेकिन शादियों के चलते अब भी ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ दिखाई दे रही है। सूरत स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही काफी अधिक होती है। पीकआवर में ग्राउंड फ्लोर प्रतीक्षालय, प्लेटफार्म पर यात्रियों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती। पूछताछ खिडक़ी पर भी लंबी लाइन होती है।