scriptफाइलों में उलझा पड़ा आशियाने का सपना | Asia's Dreams Confused in Files | Patrika News

फाइलों में उलझा पड़ा आशियाने का सपना

locationसूरतPublished: Feb 15, 2018 10:13:19 pm

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निम्न आय वर्ग के लिए आवासों की जिस योजना को गुजरात से शुरू कर पूरे देश में लागू किया, उस योजना के लाभार्थियों के साथ…

Asia's Dreams Confused in Files

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सूरत।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निम्न आय वर्ग के लिए आवासों की जिस योजना को गुजरात से शुरू कर पूरे देश में लागू किया, उस योजना के लाभार्थियों के साथ बैंक, स्थानीय निकाय और उनकी ही पार्टी के नेता भेदभाव बरत रहे हैं। केन्द्र की योजना में ब्याज सब्सिडी का एक साथ लाभ दिया जाएगा। गुजरात से शुरू हुई मुख्यमंत्री गृह योजना में लाभार्थियों से पूरी राशि लेने के बाद उन्हें ब्याज सब्सिडी के जरिए लाभ दिलाने की कोशिश शुरू की गई थी, लेकिन इसे मनपा के कुछ अफसरों और बैंककर्मी ने अब तक फाइलों में उलझा कर रखा है।

मनपा की ओर से मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत बनाए गए एलआईजी के 8,721 आवासों में बैंक लोन लेने वाले लाभार्थियों को के्रडिट लिंक सब्सिडी के लाभ पर मनपा और बैंकों ने मामले को इतना पेचीदा बना दिया है कि लाभार्थियों को इसकी राह तकते-तकते करीब ढाई साल बीत चुके हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस दिशा में कितनी बाधाएं बाकी हैं। शुरू से मनपा और बैंक एक-दूसरे पर मामले को थोपने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत मनपा ने एलआईजी के 8,721 और ईडब्ल्यूएस के 2296 आवासों का निर्माण कर उनका आवंटन किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की घोषणा की, जिसमें एफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में हाउसिंग फोर ऑल स्कीम के तहत आवास के लिए अधिकतम छह लाख रुपए तक के लोन पर 2.30 लाख रुपए की ब्याज सब्सिडी की घोषणा की गई थी। तभी से मनपा प्रशासन इस उधेड़बुन में था कि मुख्यमंत्री आवास योजना, जो 2014-15 में शुरू की गई थी, उसके लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा सकता है या नहीं।

बैंकों के साथ कई बैठकों के बाद बैंकों ने बताया था कि अगर लाभार्थियों को केन्द्र की किसी सहायता का लाभ नहीं दिया गया हो, तभी उन्हें क्रेडिट लिंक सब्सिडी (सीएलएस) का लाभ दिया जा सकेगा। मनपा ने कई महीने पहले बैंकों को इस आशय का पत्र दिया था कि मुख्यमंत्री आवास योजना की एलआईजी स्कीम में केन्द्र सरकार की किसी सहायता का लाभ नहीं लिया गया है। इसके बाद बैंकों ने सभी लाभार्थियों का डाटा तैयार करने में एक साल से अधिक का समय निकाल दिया। लाभार्थियों की ओर से बार-बार पूछताछ करने पर बैंकों ने गेंद नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के पाले में डाल दी कि वहां से धन रिलीज होने पर ही कुछ हो पाएगा।

फॉलोअप कर रही हूं

& मुझे इस मामले की पूरी जानकारी है। मैं इसका फॉलोअप कर रही हूं। केन्द्र सरकार के संबंधित मंत्रालय के साथ पत्राचार किया जा रहा है, जिससे मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को ब्याज सब्सिडी मिल सके। दर्शना जरदोश, सांसद, सूरत

उठ रहे हैं सवाल

मुख्यमंत्री आवास योजना के 87 सौ से अधिक एलआईजी आवासों में लोग रहने लगे हैं। इनमें से छह से साढ़े छह हजार लोगों ने विभिन्न बैंकों से लोन लिया है। सीएलएस प्रकरण में लीड बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस बैंक ने योजना में सर्वाधिक लोन देने के बावजूद अभी तक एक भी व्यक्ति को सीएलएस का लाभ नहीं दिलाया है, जबकि दूसरे कई निजी बैंकों ने इस योजना के लोगों को सब्सिडी दिलाई है।

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