तीन सौ ट्रस्ट से जुड़ा है मनीष
ब्यूरो सूत्रों के मुताबिक गोपीपुरा माकुभाई मुन्सिफ शेरी निवासी मनीष पचीगर ने सीए करने के बाद इंटर्नशिप नहीं की थी। न ही सीए संस्थान से मान्यता ली थी। इसके बावजूद वह छोटे बड़े तीन सौ ट्रस्ट से जुड़ा था और उनका कामकाज देख रहा था। सरकारी विभागों में घूस देकर काम करवाने वाले टाउट का काम करता था। इधर, आईसीएआई (दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउन्टेंट ऑफ इंडिया) ने मनीष के सीए होने का खंडन किया है।