संत पर हमले की सूचना मिलते ही भरुच से भाजपा सांसद मनसुख बसावा के साथ भाजपा के कई नेता गुमानदेव मंदिर पहुंच गये थे। सांसद ने घायल महंत से बुधवार शाम अंकलेश्वर के निजी अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में संत ही सुरक्षित नही है तो आम जनता की स्थिति समझी जा सकती है। सांसद ने कहा कि महंत की सुरक्षा को लेकर उन्होंने एसपी व डीएम को पत्र लिखा था, मगर कोई कार्यवाही नही हुई। समय पर महंत को सुरक्षा मिली होती तो यह घटना नहीं होती। उन्होंने महंत के हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने भी संत पर हमले की निंदा की है। भाजपा नेता सुनील सिंह राठौड़ ने कहा कि मंदिर में सीसीटीवी चालू नहीं होने की मामूली बात को तिल का ताड़ बना दिया गया। महंत पर जानलेवा हमले की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति पर किए जा रहे हमले को सही नहीं ठहराया जा सकता।
यह है मामला
झगडिया में गुमानदेव हनुमान मंदिर के पास बुधवार सुबह अज्ञात वाहन की चपेट में आकर तीन महिला व एक पुरुष की मौत हो गई थी। चार लोगों की मौत के बाद गुस्साए लोगों की भीड़ मंदिर के गेट के बाहर जमा हो गई थी। मंदिर का सीसीटीवी कैमरा नहीं चालू होने की बात कहकर भीड़ ने मंदिर के आश्रम पर हमला बोल दिया। भीड़ में से कुछ लोग महंत मनमोहन दास को घसीटकर बाहर लाए और उनके साथ मारपीट की। घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्यवाही कर मंदिर के पास गति अवरोधक का निर्माण करा दिया था।घटना की निंदा
हिन्दू युवा वाहिनी के साथ ही अंन्तर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद, विहिप समेत अन्य संगठनों ने महंत पर हमले की निंदा की। इस घटना से साधु-संतों में गहरी नाराजगी है। अंकलेश्वर स्थित रामकुंड मंदिर के महंत गंगादास बापू ने कहा कि यह घटना पालघर जैसी घटना से अलग नहीं है।कलक्टर को दिया ज्ञापन
भरुच जिले के गुमानदेव मंदिर के महंत पर किए गए जानलेवा हमले की घटना के विरोध में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद व हिन्दुस्तान निर्माण दल ने कलक्टर को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के जिला महामंत्री सेजल देसाई ने कहा कि इस्लाम के नाम पर आतंक फैलाने का काम पूरे देश में किया जा रहा है। हरियाणा में युवती की गोली मारकर की गई हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि हिन्दू लड़कियों को शिकार बनाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। साधु-संत व महंतों पर हमले हो रहे हैं और पुलिस मूकदर्शन बनी हुई है।