scriptबाजार में नहीं दिखा ऑड-इवन का असर | Aud-even effect did not show in the market | Patrika News

बाजार में नहीं दिखा ऑड-इवन का असर

locationसूरतPublished: May 21, 2020 10:12:42 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

कई जगहों पर खुली रहीं सभी दुकानें
All shops were open in many places

बाजार में नहीं दिखा ऑड-इवन का असर

बाजार में नहीं दिखा ऑड-इवन का असर

वलसाड. लॉकडाउन चार में व्यापारिक प्रवृत्तियों को शुरू होने की मंजूरी देने के साथ ही भीड़ से संक्रमण रोकने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा कई तरह की सूचनाओं के पालन की भी ताकीद की गई है। इसके अंतर्गत कलक्टर के आदेशानुसार नगर पालिका ने ऑड इवन फार्मूले के तहत दुकानों को खोलने का आदेश दिया था। वहीं, गुरुवार को इसका असर बाजार में कुछ खास नहीं रहा।
नगर पालिका की टीम बाजार में निरीक्षण के लिए भी निकली थी और स्टेडियम रोड, आजाद चौक और स्टेशन रोड पर जांच कर दुकानदारों को ऑड इवन की जानकारी देकर इसके अनुसरण की सलाह दी। दूसरी तरफ कई जगहों पर सभी तरह की दुकानें खुली रही। सब्जी मंडी से लेकर भीड़भंजन मंदिर के पीछे वाले रोड पर की सभी दुकानें खुली रही हैं और नपा का कोई अधिकारी जांच के लिए नहीं पहुंचा। नपा के इस दोहरे रवैये पर कई व्यापारियों ने नाराजगी जताई। कई व्यापारियों ने कहा कि दो माह तक व्यापार धंधा बंद होने बाद शुरू करने की मंजूरी दी जाने में भी तमाम पाबंदी लगाई जा रही है। इससे उनका व्यापार चलाना मुश्किल हो जाएगा। कुछ व्यापारियों ने ऑड इवन की बजाय रोजाना दुकानों को चालू रखने की मांग भी की।
https://www.patrika.com/surat-news/after-several-days-there-was-a-stir-in-the-city-6115935/

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अचानक ट्रेन को रद्द करने पर श्रमिकों ने मचाया हल्ला
वलसाड. वलसाड से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होने वाली ट्रेन गुरुवार को अचानक रद्द कर देने से यात्रा के लिए अलग-अलग स्थानों से आए श्रमिकों में नाराजगी देखी गई और लोग नारेबाजी करने लगे।
श्रमिकों को उत्तर प्रदेश भेजने के लिए करीब 1200 लोगों की मेडिकल जांच के साथ ही टिकट के रुपए भी ले लिए गए थे। गुरुवार को उन्हें वलसाड पारडी के रामलला मंदिर परिसर में लाया गया था। वहां से बस में सभी को वलसाड स्टेशन लाना था। लेकिन कुछ देर बाद अचानक प्रशासन ने ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा कर दी। इसके कारण लोग बिफर गए और नारेबाजी करने लगे। लोगों की नाराजगी का पता चलते ही पुलिस अधिकारी और कई सामाजिक संस्थाओं के लोग वहां पहुंच गए और लोगों को मुश्किल से शांत किया। लोगों को आश्वस्त किया गया कि आगामी दिनों में ट्रेन का इंतजाम होने पर उन्हें गांव भेज दिया जाएगा। बाद में लोगों को बसों से उनके गंतव्य तक भेजा गया।
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