आगामी 29 अक्टूबर को दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीपसिंह पुरी द्वारा शहर पुलिस को अवार्ड दिया जाएगा। अवार्ड समारोह के लिए शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर को आमंत्रित किया गया है। गौरतलब है कि शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शहर पुलिस द्वारा आधुनिक तकनीक के पर अधिक जोर दिया जा रहा है।
एक हजार मामलों को सुलझाने में मिली मदद :
एक हजार मामलों को सुलझाने में मिली मदद :
डीसीपी ट्रैफिक प्रशांत सुंबे ने बताया कि सीसीटीवी प्रोजेक्ट की शुरुआत के बाद से हाईटेक कमांड एण्ड कंट्रोल सेन्टर की मदद से इनका संचालन किया जा रहा है। शहर पुलिस के कैमरों की संख्या की संख्या 691 है। सीसीटीवी कैमरों से पुलिस को एक हजार मामलों की गुत्थी सुलझाने में मदद मिली है।
इनमें मासूम बच्चियों से बलात्कार और हत्या जैसे कई अतिगंभीर मामले शामिल हैं, जो सीसीटीवी की वजह से ही सुलझ पाए। इसके अलावा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लगाए जा रहे 2000 कैमरों व सरकार के विश्वास प्रोजेक्ट में लगाए जाने कैमरों का एक्सेस भी पुलिस को मिलेगा।
400 सडक़ हादसे कम हुए :
400 सडक़ हादसे कम हुए :
सुम्बे ने बताया कि उधना-मगदल्ला रोड समेत शहर की चौड़ी सडक़ों पर स्पीड मॉनीटरिंग करने वाले स्मार्ट कैमरे लगाए गए हैं। वहीं, जहां पर अधिक सडक़ हादसे होते है, उन प्वाइंट को भी कवर किया गया है। कैमरों के डर से वाहन चालक संभल कर वाहन चलाते है।
यही वजह है कि पिछले एक दशक से सडक़ हादसों में लगातार कमी आ रही है जबकि शहर की आबादी और वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2011 में जहां 1200 हादसे हुए थे, जो 2019 तक घट कर करीब 800 हो गए। 2020 में कोरोना के चलते 500 सडक़ हादसे ही दर्ज हुए थे।
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