याचिका में सरकार ने कहा है कि ट्रायल के दौरान मामूली विसंगतियों से पूरे मामले को हल्का नहीं किया जा सकता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सलमान खान को निचली अदालत ने सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने तकनीकी आधार पर फैसला दिया।
दरअसल, चिंकारा शिकार के 18 साल पुराने मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने सलमान खान को 25 जुलाई 2016 को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है।