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खाते से प्रीमियम काटने की जिम्मेदारी बैंक की

locationसूरतPublished: May 11, 2018 10:04:27 pm

बीमा धारक के परिजनों को ब्याज समेत क्लेम चुकाने का आदेशबैंक के बर्ताव को लेकर कोर्ट ने फटकार भी लगाई

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सूरत. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत पॉलिसी का प्रीमियम समय पर नहीं, मृत्यु के बाद काटे जाने का कारण बताकर क्लेम नामंजूर करने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा को ग्राहक कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने बीमा धारक के परिजनों की याचिका मंजूर करते हुए क्लेम की राशि ब्याज समेत चुकाने का आदेश दिया और बैंक के रवैए को लेकर कड़ी फटकार भी लगाई।

ओलपाड की रंगकृपा सोसायटी निवासी ईश्वर गामित ने अधिवक्ता मोना कपूर के जरिए बैंक ऑफ बड़ौदा की ओलपाड शाखा और शाखा प्रबंधक के खिलाफ ग्राहक कोर्ट में शिकायत की थी। ईश्वर के पुत्र एलविन का बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में अकाउंट था। उसने इस अकाउंट के जरिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योत बीमा योजना के तहत पॉलिसी खरीदी थी। एलविन की मौत हो जाने पर ईश्वर ने बीमा की राशि पाने के लिए बैंक में क्लेम किया, लेकिन पॉलिसी का प्रीमियम मौत के बाद काटे जाने का कारण बताते हुए बैंक के अधिकारियों ने क्लेम नामंजूर कर दिया। मामला ग्राहक कोर्ट में पहुंचने पर अधिवक्ता मोना कपूर ने सुनवाई के दौरान सबूत और दलीलें पेश कीं। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि बैंक ने ग्राहक सेवा में लापरवाही दिखाई है। कोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए क्लेम की राशि दो लाख रुपए याचिका दायर करने की तारीख से 8 फीसदी ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया। कोर्ट ने फैसले में कहा कि ग्राहक के अकाउंट से समय पर प्रीमियम काटने की जिम्मेदारी बैंक की है। बैंक ऐसा नहीं करता है तो इसे उसकी विफलता और ग्राहक सेवा में लापरवाही माना जा सकता है।

एटीएस ने अंकलेश्वर कोर्ट में पेश किया आरोप पत्र

भरुच. आतंकवाद निरोधक दल (एटीएस) ने अंकलेश्वर से २५ अक्टूबर-2017 को आइएसआइएस के शंकास्पद माने जाने वाले एजेंट उबेद मिर्जा व कासिम स्टिम्बरवाला को गिरफ्तार किया था। दोनों शंकास्पद आईएसआईएस एजेंटो के खिलाफ एटीएस ने अंकलेश्वर कोर्ट में आरोप-पत्र पेश किया गया।

आरोप पत्र में कहा गया कि दोनों भारत में यहूदियों और विदेशियों पर फायरिंग करने तथा छूराबाजी करने की योजना बनाए थे। अपनी योजना को पूरा करने के लिए दोनों ने अपनी पत्नी के गहने बेच दिए थे और उससे मिले रुपए से दोनों तमंचा व छूरा खरीदने वाला था। दोनों राजस्थान के अजमेर से तमंचा और छूरा खरीदने की योजना बनाए थे। इन दोनों के निशाने पर हैदराबाद का एक पुलिस स्टेशन भी था।

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