अभीष्ट फलदायक वन सोमवार
श्रावण मास की शुरुआत छह जुलाई को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, कौलव करण प्रतिपदा तिथि के साथ होगी। इसे अभीष्ट फलदायक वन सोमवार माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शिवतत्व की साधना और पूजा-अर्चना मंगलकारी व अनिष्टविनाशक सिद्ध होगी। इसके बाद दूसरा सोमवार 13 जुलाई को, तीसरा सोमवार 20 जुलाई को, चौथा सोमवार 27 जुलाई को अंतिम पांचवां सोमवार तीन अगस्त को रहेगा।
ज्यादातर आयोजन स्थगित
श्रावण मास के दौरान शहर में शिवालयों में जहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का सिलसिला चलता है, वहीं कई धार्मिक संगठनों की ओर से रुद्राभिषेक, रुद्रीपाठ व यज्ञ-हवन के विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। कोविड-19 की वजह से इस बार इस तरह के सभी आयोजन स्थगित किए गए हैं। शहरभर के शिवालयों में भी कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक ही श्रद्धालु शिवभक्ति के लिए जलाभिषेक समेत अन्य धार्मिक कार्यों में भाग ले सकेंगे।
आयुष्मान योग बनेगा
श्रावण मास के पांचवें व अंतिम वन सोमवार पर कई योग बनेंगे। इसमें पूर्णिमा तिथि, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, प्रीति तथा आयुष्मान योग विशेष रूप से है। इसे ज्योतिष मत में रोग-शोक से मुक्ति का द्वार भी माना गया है।
संत विजयानंद महाराज, महंत, श्रीदक्षिणाभिमुखी शनि-हनुमान मंदिर आश्रम।