scriptशुरुआत और समापन सोमवार से होगी | Beginning and ending on Monday | Patrika News

शुरुआत और समापन सोमवार से होगी

locationसूरतPublished: Jul 05, 2020 08:58:23 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

ज्योतिष मत में पांचवें सोमवार से खुलेंगे रोगमुक्ति के द्वार

https://www.patrika.com/festivals/sawan-month-2020-five-sawan-somvar-in-this-shravan-mass-2020-6197440/

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सूरत. शिवभक्ति का पवित्र श्रावण मास सोमवार से शुरू होने जा रहा है और शिवभक्त श्रद्धालुओं में खुशी है कि बाबा भोलेनाथ की एक महीने की शिवराधना उन्हें सोमवार से शुरू करने का सौभाग्य मिल रहा है। इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार है और यह अद्भुत संयोग भी इस बार बन रहा है कि पवित्र श्रावण मास की शुरुआत जहां सोमवार से हो रही है वहीं, इसका समापन भी पांचवें सोमवार को तीन अगस्त को होगा। ज्योतिष मत में इसे रोग-शोक से मुक्ति के द्वार के रूप में भी गिना जा रहा है।
बाबा भोलेनाथ की विशेष भक्ति-आराधना का श्रावण मास सोमवार से शुरू होगा और इस दौरान श्रद्धालु शिवभक्त कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए शहर व आसपास के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए जाएंगे। हालांकि अन्य सभी त्योंहार-उत्सव के समान श्रावण मास भी कोविड-19 की वजह से धूमधाम से आयोजित नहीं किया जा सकेगा मगर श्रद्धालु शिवभक्त सामाजिक दूरी व मास्क की अनिवार्यता का पालन करते हुए भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना सोमवार से करेंगे।

अभीष्ट फलदायक वन सोमवार


श्रावण मास की शुरुआत छह जुलाई को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, कौलव करण प्रतिपदा तिथि के साथ होगी। इसे अभीष्ट फलदायक वन सोमवार माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शिवतत्व की साधना और पूजा-अर्चना मंगलकारी व अनिष्टविनाशक सिद्ध होगी। इसके बाद दूसरा सोमवार 13 जुलाई को, तीसरा सोमवार 20 जुलाई को, चौथा सोमवार 27 जुलाई को अंतिम पांचवां सोमवार तीन अगस्त को रहेगा।

ज्यादातर आयोजन स्थगित


श्रावण मास के दौरान शहर में शिवालयों में जहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का सिलसिला चलता है, वहीं कई धार्मिक संगठनों की ओर से रुद्राभिषेक, रुद्रीपाठ व यज्ञ-हवन के विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। कोविड-19 की वजह से इस बार इस तरह के सभी आयोजन स्थगित किए गए हैं। शहरभर के शिवालयों में भी कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक ही श्रद्धालु शिवभक्ति के लिए जलाभिषेक समेत अन्य धार्मिक कार्यों में भाग ले सकेंगे।

आयुष्मान योग बनेगा


श्रावण मास के पांचवें व अंतिम वन सोमवार पर कई योग बनेंगे। इसमें पूर्णिमा तिथि, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, प्रीति तथा आयुष्मान योग विशेष रूप से है। इसे ज्योतिष मत में रोग-शोक से मुक्ति का द्वार भी माना गया है।
संत विजयानंद महाराज, महंत, श्रीदक्षिणाभिमुखी शनि-हनुमान मंदिर आश्रम।
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