बरसात के कारण कोरोना के साथ ही दूसरी मौसमी बीमारी भी तेजी से पांव पसार रही हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद ट्रांसपोर्टेशन, कोरोना टेस्ट की बढ़ी संख्या व कोरोना से बचने के लिए जारी की गई गाइड लाइन का पालन नहीं करने से कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जानकारों के मुताबिक यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में भरुच जिला कोरोना का हॉट स्पाट बन सकता है। आमतौर पर जून-जुलाई के महीने में मौसम में बादलाव के कारण बुखार, सर्दी, खांसी के मरीज बढ़ जाते हैं। साथ ही फ्लू, मलेरिया, डेंगू व उल्टी दस्त के मरीज भी सामने आने लगते हैं।
चिकित्सकों के सामने चुनौती कोरोना व बरसात में होने वाले रोग के लक्षणों में काफी ज्यादा समानता के कारण चिकित्सकों के समक्ष मुश्किल पेश आ रही है। चिकित्सकों के मुताबिक सीजनल बीमारियों के कारण कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ जाएगी। चिकित्सकों के लिए यह स्थिति चुनौती से कम नहीं है।
पौष्टिक खुराक की सलाह भरुच के चिकित्सक डॉ. हेतुल ठक्कर ने इन स्थितियों में लोगों को पौष्टिक, गर्म और ताजे भोजन की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इस समय लोगों को ठंडे पदार्थ व शीतल पेय से परहेज बरतना चाहिए।
जिले में नहीं है कोरोना टैस्ट लैब साउथ गुजरात लोक सरकार कांग्रेस के प्रभारी जुबेर पटेल ने कहा कि कोरोना से लडऩे में गुजरात सरकार पूरी तरह से विफल रही है। भरुच जिला औद्योगिक हब है और एशिया में सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां भरुच जिले में हैं। इसके बाद भी जिले में कोरोना टैस्ट लैब नहीं है। सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण भरुच के कोरोना मरीजों को वडोदरा और सूरत जाना पड़ रहा है।