– डांग और नवसारी के बीच आदिवासियों की लाइफलाइन ट्रेन दोबारा शुरू होने से खुशी…
– एसी पर्यटक कोच में बुकिंग 3 सितंबर से होगी शुरू
– रेलवे, टैक्सटाइल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश की घोषणा से पश्चिम रेलवे में हलचल शुरू, तैयारियों में जुटे अधिकारी
बिलीमोरा-वघई नैरोगेज नए लुक के साथ 4 से लौटेगी पटरी पर
सूरत. पश्चिम रेलवे ने बिलीमोरा और वघई के बीच चलने वाली ऐतिहासिक नैरोगेज ट्रेन को 4 सितंबर से शुरू करने का निर्णय किया है। रेलवे और टैक्सटाइल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है। पश्चिम रेलवे ने कुछ समय पहले नए विस्टाडोम कोच से ट्रायल रन किया था। डांग और नवसारी के बीच आदिवासियों की लाइफलाइन कही जाने वाली नैरोगेज ट्रेन शुरू होने से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है।
डांग जिले के वघई और नवसारी जिले में बिलीमोरा के बीच पहाड़ी क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है। आदिवासी इलाकों के लिए बिलीमोरा-वघई नेरोगेज लाइन जीवनरेखा के समान है। कोरोना के चलते मार्च 2020 से नैरोगेज ट्रेन बंद है। दूसरी लहर में मरीजों की संख्या में कमी आने के बाद पश्चिम रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन बढ़ाया है। मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट के साथ-साथ पैंसेंजर और डेमू ट्रेनों का परिचालन भी शुरू हो गया है। अब पश्चिम रेलवे ने बिलीमोरा-वघई नैरोगेज ट्रेन को नए लुक के साथ 4 सितंबर से शुरू करने का निर्णय किया है।
रेलवे और टैक्सटाइल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने जन्माष्टमी पर दक्षिण गुजरात के लोगों के लिए बहुप्रतिक्षित बिलीमोरा-वघई नैरोगेज ट्रेन को शुरू करने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि डांग जिले में कोरोना के कारण लंबे समय से बंद ट्रेन व्यवहार के कारण आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जन्माष्टमी पर आदिवासी समुदाय और क्षेत्र से मांग को ध्यान में रखते हुए वघई-बिलीमोरा स्पेशल नैरोगेज ट्रेन शुरू की जा रही है। इससे रोजगार और शिक्षा के लिए शहरों में आने के लिए लोगों को आसानी होगी। कोरोना काल में नौकरी के लिए परिवहन खर्च से की मध्यम वर्ग की कमर टूट गई है। ट्रेन शुरू होने से पूरे क्षेत्र में विकास की नई राह शुरू होगी।
सीट पर बैठे बैठे बाहर की फोटोग्राफी हो सकेगी ट्रेन में पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए नैरोगेज ट्रेन नए रंगरूप में दिखाई देगी। पश्चिम रेलवे ने एक एसी पर्यटक कोच जोडक़र चलाने का निर्णय किया है। इससे सफर यादगार और मनोरंजक बनाने का प्रयास किया गया है। पहाड़ी इलाकों से गुजरती ट्रेन के यात्री अपनी सीट से ही दोनों साइड में बड़े-बड़े कांच से बाहर का दृश्य देख सकेंगे। इन कोचों में बड़े शीशे वाली खिड़कियां लगी है। कोच में एक तरफ़ तीन और एक तरफ एक यात्री की सीट है। यात्री सीट पर बैठे-बैठे मनोरम दृश्यों का नजारा देख सकेंगे। भारतीय रेलवे ने यह कोच विशेष रूप से टूरिस्ट लोकेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में लगाए हैं। कोच में बैठकर बाहर की फोटोग्राफी की जा सकती है। रेलवे शुरू में एक कोच से शुरुआत करेगी और डिमांड बढऩे पर तीन कोच लगाए जा सकते हैं।
नैरोगेज ट्रेन की समय-सारणी पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि 09501 बिलीमोरा-वघई नैरोगेज स्पेशल ट्रेन प्रतिदिन बिलीमोरा से सुबह 10.20 बजे रवाना होकर उसी दिन दोपहर 1.20 बजे वघई पहुंचेगी। इसी तरह वापसी में 09502 वघई-बिलीमोरा नैरोगेज स्पेशल ट्रेन वघई से दोपहर 2.30 बजे रवाना होगी और उसी दिन शाम 5.35 बजे बिलीमोरा पहुंचेगी। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में गणदेवी, चिखली रोड, राणकुवा, धोलीकुवा, अनावल, उनाई, वांसदा रोड, केवडी रोड, काला अंबा, दुंगर्धा स्टेशन ठहरेगी। इस ट्रेन में अनारक्षित द्वितीय श्रेणी बैठकयान और आरक्षित वातानुकूलित पर्यटक कोच लगाए जाएंगे। ट्रेन नंबर 09501 और 09502 के एसी टूरिस्ट कोच की बुकिंग 3 सितंबर को 7 दिनों की अग्रिम आरक्षण अवधि के साथ आरक्षण केन्द्रों और आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर शुरू होगी।
नए कोच के साथ जून में हुआ था ट्रायल रन रेलवे और टैक्सटाइल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश की घोषणा के बाद रेलवे में हलचल शुरू हो गई है। पश्चिम रेलवे ने दक्षिण गुजरात में पर्यटकों को साधने के लिए बिलीमोरा-वघई नैरोगेज ट्रेन नए रंगरूप में चलाने की तैयारी में है। रेलवे अधिकारियों ने 2 जून को एसी विस्टाडोम कोच जोडक़र बिलीमोरा-वघई के बीच ट्रायल रन पूरा किया था। इसमें मुम्बई के एडीआरएम (टी), सीनियर डीओएम (जी), सीनियर डीईएन (एस) और सीनियर डीएमई समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए थे। यह नैरोगेज ट्रेन सुबह और शाम एक-एक फेरा लगाती है। इस ट्रेन से रोजाना छोटे-छोटे व्यापारी और नौकरीपेशा यात्रियों की संख्या अधिक होती है। इस मार्ग पर दूसरी कोई बेहतर परिवहन व्यवस्था नहीं है।
सापुतारा हिल रेंज को कनेक्टिविटी बिलिमोरा-वघई नैरोगेज एक ऐतिहासिक रेल खंड है, जिसने 100 से अधिक वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह ट्रेन गायकवाड़ बड़ौदा स्टेट रेलवे (जीबीएसआर) का हिस्सा था। आजादी के बाद, जीबीएसआर का पश्चिम रेलवे में विलय कर दिया गया और यह पश्चिम रेलवे का हिस्सा बन गया। बिलिमोरा-वाघई रेल लाइन समृद्ध वनस्पति जीवों वाले वन क्षेत्र से गुजरती है और सापुतारा हिल रेंज को कनेक्टिविटी प्रदान करती है, जो एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। आदिवासी समुदाय तथा आसपास रहने वालों के लिए इस रेल का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व भी है।
एसी पर्यटक कोच की विशेषता – एयर कंडीशनिंग सिस्टम की क्षमता 4 टन , यात्रियों की सुविधाओं को विशेष ध्यान। – कोच के बाहरी हिस्से पर वार्ली पेंटिंग सांस्कृतिक परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।
– परिचारकों को बुलाने के लिए विश्व स्तर की अत्याधुनिक कला से मेल खाने वाली घंटी बजाने का प्रावधान। – 2+1 बैठक व्यवस्था के साथ 15 यात्रियों की क्षमता। – प्रत्येक कुर्सी पर अलग-अलग स्नैक्स टेबल है।
– स्वचालित गंध नियंत्रण प्रणाली के साथ पश्चिमी शैली का शौचालय। – 06 किलो की क्षमता के दो अग्निशामक यंत्र।