अहमदाबाद में किरीट पालडिय़ा समेत पुलिस अधिकारियों के खिलाफ करोड़ों रुपए के बिटकॉइन हथियाने का आरोप लगाते हुए शैलेष भट्ट ने शिकायत दर्ज करवाई थी। मामले की जांच के दौरान अचानक मोड़ आया और सीआइडी क्राइम के निरीक्षक जे.एच.दहिया ने शैलेष भट्ट समेत 11 अभियुक्तों के खिलाफ सीआइडी क्राइम की सूरत यूनिट में अपहरण और बिटकॉइन हथियाने की शिकायत दर्ज करवाई। आरोप के मुताबिक शैलेष भट्ट ने साथियों के साथ मिलकर पीयूष सावलिया और धवल मावाणी नाम के युवकों का अपहरण कर उसने करोड़ों रुपए के बिटकॉइन हथिया लिए। इस मामले में पुलिस ने शैलेष भट्ट के भांजे निकुंज भट्ट समेत पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य अभियुक्त शैलेष भट्ट समेत छह अभियुक्त फरार हैं और उन्होंने उच्च न्यायालय में क्वॉशिंग पिटीशन दायर की है। इधर, सीआइडी क्राइम की ओर से बार-बार बयान दर्ज कराने के लिए बुलाने के बावजूद हाजिर नहीं होने पर अब कोर्ट में याचिका दायर कर शैलेष भट्ट समेत गिरफ्तारी से बच रहे सभी छह अभियुक्तों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 70 के तहत वारंट जारी करने की मांग की है।
दिव्येश दरजी का कब्जा लेगी बेंगलुरू पुलिस
बिटकॉइन मामले का मास्टर माइंड और न्यायिक हिरासत में कैद दिव्येश दरजी का कब्जा लेने के लिए बैंगलुरू पुलिस की ओर से भी कवायद शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि देशभर में बिटकनेक्ट को प्रोजेक्ट कर दिव्येश दरजी ने कई लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की है। इसे लेकर सूरत के अलावा बेंगलुरू में भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सूरत पुलिस की गिरफ्तारी के बाद से दिव्येश न्यायिक हिरासत में कैद है। ऐसे में मंगलवार को बेंगलुरू पुलिस सूरत पहुंची। बताया जा रहा है कि बुधवार को बेंगलुरू पुलिस कोर्ट में याचिका दायर कर ट्रांसफर वारंट से उसका कब्जा सौंपने की मांग करेगी।
बिटकॉइन मामले का मास्टर माइंड और न्यायिक हिरासत में कैद दिव्येश दरजी का कब्जा लेने के लिए बैंगलुरू पुलिस की ओर से भी कवायद शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि देशभर में बिटकनेक्ट को प्रोजेक्ट कर दिव्येश दरजी ने कई लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की है। इसे लेकर सूरत के अलावा बेंगलुरू में भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सूरत पुलिस की गिरफ्तारी के बाद से दिव्येश न्यायिक हिरासत में कैद है। ऐसे में मंगलवार को बेंगलुरू पुलिस सूरत पहुंची। बताया जा रहा है कि बुधवार को बेंगलुरू पुलिस कोर्ट में याचिका दायर कर ट्रांसफर वारंट से उसका कब्जा सौंपने की मांग करेगी।