उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों पर बादलों की नजर, इन 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मरीज सेवा समिति के प्रमुख सुभाष झाडे ने ज्ञापन में मरीजों को हो रही तकलीफ का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी विभाग में पीसीएम इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं। मानसून के कारण अस्पताल में बुखार, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड और पीलिया समेत कई बीमारियों के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। गरीब मरीजों को चिकित्सक बाहर से इंजेक्शन खरीदकर लाने के लिए कहते हैं। अस्पताल में वेंटिलेटर, स्ट्रेचर और मरीजों को एक वार्ड से दूसरे वार्ड ले जाने के लिए सर्वेन्ट्स की कमी है।
ICC की ताजा रैंकिंग में भारत नंबर वन टेस्ट टीम, इस पड़ोसी देश की टीम को मिला बड़ा फायदा ट्रोमा सेंटर के मरीजों को एक्स-रे की सुविधा नहीं मिलती। गंभीर मरीज को रेडियोलॉजी विभाग में लम्बी कतार के बीच एक्स-रे के लिए गुजरना होता है। इसके अलावा हड्डी वार्ड में चिकित्सकों द्वारा मरीजों के ऑपरेशन में लगने वाले सामान के नाम पर पांच हजार, सात हजार तो किसी से दस हजार रुपए लिए जाते हंै। मरीजों को बिल नहीं दिया जाता। जिस मरीज के पास पैसे नहीं होते, उसका ऑपरेशन नहीं होता। मरीजों के चादर-कम्बल से दुर्गन्ध की शिकायतें मिलती हैं।